Friday, 6 November 2015

INTERVIEW!! “चार्ल्स खुद ही काल्पनिक बन गया होगा ?” निर्देशक प्रवाल रमन ताजा खबरफ़िल्मी इंटरव्यूबॉलीवुड अपडेटसlipika varma 6 NOV, 2015 COMMENTS: 0

INTERVIEW!! “चार्ल्स खुद ही काल्पनिक बन गया होगा ?” निर्देशक प्रवाल रमन

ताजा खबरफ़िल्मी इंटरव्यूबॉलीवुड अपडेटस
INTERVIEW!! “चार्ल्स खुद ही काल्पनिक बन गया होगा ?” निर्देशक प्रवाल रमन

लिपिका वर्मा
निर्देशक प्रवाल रमन एक ऐसे निर्देशक हैं जिन्होंने लीग से हट कर फिल्में बनायीं हैं – “डरना मना है”, गायब और 404 वग़ैरह। पिछले सप्ताह चार्ल्स शोभराज पर बनी उनकी फिल्म “मैं और चार्ल्स” रिलीज हुई जो बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा रही है।
आपने ढेर सारी फिल्में निर्देशित नहीं की है, क्या वजह है इसकी ?
मेरे लिए बहुत चीज़े मायने रखती हैं मुझे कहानी को किस ढ़ंग से पेश करना है, यह मेरे हिसाब से ही मैं करता हूं। इसलिए मैं स्टूडियोज या फिर किसी भी निर्माता के अधीन रह कर काम नहीं कर सकता हूं अतः मैं इन लोगों को मिलने से भी इंकार कर देता हूं। सो मुझे अपनी फिल्मों के लिए स्वत: पैसे जमा करने पड़ते है। सो सीधी सी बात है मैं कम फिल्में ही बना पाता हूं, पर जो कुछ भी बना रहा हूं उससे संतुष्ट हूं।
फिल्म, “मैं और चार्ल्स” काफी दिनों से आपने प्लान की है ?
जी हाँ,  मैंने इस फिल्म को करीब 2008 से ही प्लान किया था। रणदीप हुड्डा शुरू से ही मेरे जेहन में थे बतौर चार्ल्स शोभराज। समय लगना लाजमी था क्योंकि मेरे पास पैसों की कमी थी। इस बीच मैंने फिल्म 404 बनायीं और उसे रिलीज़  भी किया। दोबारा 2011 से मैंने,” मैं और चार्ल्स” पर काम करना शुरू किया। समय लग गया स्क्रिप्ट की तैयारी में महज इसलिए क्योकि इस विषय पर काफी अनुसंधान करना पड़ा। विषय के संदर्भ में कैदियों से भी मिला जो इस केस से जुड़े हुए थे। 1986 में जितने भी कैदी इस केस से जुड़े “तिहाड़ जेल” में थे लगभग उन सब से मिला और केस के इतिहास के हिसाब से यह कहानी मैंने बुनी है। अमोल कांत के चरित्र के अलावा सारे चरित्र काल्पनिक हैं।
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चार्ल्स के जीवन से जुड़ी कुछ बातें हमे बताएं ?
दरअसल में चार्ल्स अपनी पब्लिसिटी खुद ही करता था। एक अच्छा पी आर ओ था। खुद में एक ब्रांड था चार्ल्स। उसके चरित्र में काफी सारे आयाम देखने को मिले हमे। उसके चरित्र में जो मुझे सबसे ज्यादा लुभाया वह था उसका बहुरुपिया होना, यही मैंने इस फिल्म द्वारा पेश करने की कोशिश की है। जेल में होने के उपरांत भी और एक अपराधी होने के बावजूद भी उसने सही लोगों के साथ मेल जोल बढ़ाया और उनका फयदा भी उठाया। अचम्भे की बात यह है कि बिना पेपर के भी चार्ल्स ने अपने जीवन की कहानी लिख डाली। फिल्म में मैंने खून खराबा  बिलकुल भी नहीं दिखलाया है। मैंने अपना कोई जजमेंट पेश करने की कोशिश भी नहीं की है। एक ही बन्दे में इतने ढ़ेर सारे करैक्टर थे वह एक पत्रकार था, प्रोफेसर और साथ ही एक बेहतरीन टूरिस्ट (पर्यटक) भी। सो वह खुद ही काल्पनिक बन गया होगा ?
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आपकी अगली फिल्म कौन सी है ?
मेरी अगली फिल्म “ओक्कुलुस” की रीमेक फिल्म होगी। यह एक हॉरर फिल्म है और बहुत ही बेहतरीन फिल्म लगी मुझे, जिस वक़्त मैं फिल्म देख रहा था उसी वक़्त मुझे यह एहसास हो गया कि इस फिल्म को मैंने जरूर बनाना है। ताज्जुब की बात यह हुई कि मुझे इस फिल्म को बनाने के लिए एक बहुत अच्छा ऑफर भी मिल गया। रयान कैवणौघ जो की रिलेटिविटी प्रोडक्शन के है और माइकल फ्लैनगन मुझे भारत में मिले और इसका ऑफर दे डाला मुझे। पूरी फिल्म मैंने दोबारा लिखी और अब वह तैयार है।

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