INTERVIEW!! “सुल्तान फिल्म में मुझे 6 -7 घंटों- ट्रेनिंग के दौरान पहलवानों से जम के पिटाई खानी है – यही है मेरे लिए दीपावली सेलिब्रेशन – “सलमान खान”
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लिपिका वर्मा
सलमान खान हालांकि 50 के होने वाले है लेकिन जब उनकी उम्र के बारे में पुछा तो हंस के बोले, “जी नहीं मैं तो केवल 27 वर्ष का ही हुआ हूं अभी।
क्या कहना चाहेंगे 50 वर्ष में सुल्तान कर रहे हो ? कुशती करना इस उम्र में शरीर ने तकलीफ तो नहीं दी ?
अब आप सबको मालूम ही है की मैं बिग बॉस 9 का होस्ट हूं। फिर फिल्म, “सुल्तान” और फिर साथ -साथ मेरा केस भी चल रहा है। सीधी सी बात है कि मेरे पास अपने लिए भी वक़्त नहीं है। इस दीपावली में लगभग 6-7 घंटे सुल्तान की ट्रेनिंग में व्यस्त रहने वाला हूं। दरअसल में मुझे इन 6-7 घंटों के दौरान पहलवानों से जम के पिटाई खानी है यही है मेरे लिए दीपावली सेलिब्रेशन।
निर्देशक सूरज बड़जात्या से अब आप का कैसा समीकरण है ?
जबसे मैं 17 वर्ष का था तब से मैं उन्हें बहुत अच्छी तरह से जानता हूं। सिर्फ यह है कि अब हमे एक दूसरे के साथ बैठ कर बातचीत करने का वक़्त नहीं मिल पा रहा है। किन्तु हमारे व्यक्तित्व एवं हमारे टेम्परामेन्ट में बिलकुल भी बदलाव नहीं आया है। आज उनकी आत्मा दस गुना बेहतर हो गयी है। वह बहुत ही अच्छे व्यक्तित्व के आदमी तो है ही, किन्तु आज जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो उनके व्यक्तित्व में बहुत बेहतर बदलाव पाता हूं। मेरी ज़िन्दगी उनकी फिल्म से ही शुरु हुई थी। उस समय में सब लोगों से काम मांगने जाया करता पर अब भगवान की दुआ से मेरी यह पोजीशन हो गयी है। 17 और 19 साल की उम्र से मैं एड फिल्में और कुछ और काम भी किया करता था। साथ ही मेरा भयंकर स्ट्रगल भी चालू था। मैं क्या बनूँगा यह तय नहीं था शायद राइटर, अभिनेता या फिर निर्देशक की बागडोर भी संभालनी पड़ती। पर फिल्म “मैंने पयार किया” के बाद मैं बहुत ही व्यस्त हो गया और उसके बाद मैंने कभी छुट्टियाँ भी नहीं ली है।
अपने काम से कभी फुर्सत मिलती है क्या आपको ?
लोग बराबर हॉलीडेज पर जाकर ख़ुशी हासिल करते हैं लेकिन मेरे लिए मेरा काम करना ही छुट्टियों के तरह है क्योंकि मैं अपना काम छुट्टियों की तरह ही एन्जॉय करता हूं। जिंदगी का मजा हर दिन छुट्टी है यही सोच कर लुफ्त उठा रहा हूं जिंदगी का मैं। ज़िंदगी अब सिर्फ मेरी नहीं रह गयी है। ढेर सारे काम हैं जो पूरे करने हैं।
आपको यात्रा करना पसंद नहीं है क्या?
मुझे यात्रा पर जाना पसंद है लेकिन मेरी वजह से लोगों को तकलीफ उठानी पड़े यह मुझे मंजूर नहीं है। शूटिंग भी यदि बाहर करनी होती है तो सबको प्रोब्लम्स झेलनी पड़ती है फैंस की वजह से या फिर अन्य किसी वजह से। आज टेक्निकली हम बहुत ही सशक्त हो गये हैं तो सेट्स भी बना सकते हैं। इससे सब प्रॉब्लम भी सुलझ जाती है और तसल्ली से शूटिंग पूरी की जा सकती है। अब इस वर्ष ही ले लीजिये हमारे घर के गणेश जी को हमने घर में ही विसर्जित किया। जी भर के नाचे भी और रास्ते में लोग तंग भी नहीं हुए हमारी वजह से।
कुछ सोच कर सलमान ने कहा, “अब आउटडोर ही ले लीजिये शूटिंग के पहले दिन ठीक -ठाक चल रहा होता है पर तीसरे चौथे दिन सब को दिक्क्त का सामना करना पड़ता है।
सूरज की सब पारिवारिक फ़िल्में होती है क्या कहना चाहेंगे?
जी हाँ, सूरज घर के लिए बेस्ट फिल्मकार है। पारिवारिक रूप- रेखा बेहतर जानते है, जी हाँ, मैं भी परिवार को साथ ही लेकर चलता हूं दरअसल में हर इंसान ऐसा ही होता है। इसी वजह से सूरज की फिल्मों को फैंस और दर्शक पसंद भी करते है।
उस वक़्त के प्रेम में और इस वक़्त के प्रेम में क्या अंतर देखते हैं ?
जैसे ही मैंने शूटिंग शुरू की मेरे अंदर उस, “प्रेम” की ईमानदारी बतौर अभिनेता और इंसानियत भी वापस आ गयी। इस बात का मुझे ख़ासा अनुमान लग गया। इतना वक़्त बीत गया है मेरी मासूमियत नहीं रह गयी है उस प्रेम की तरह यह प्रेम मुझे बिल्कुल साधारण व्यक्ति की तरह पेश आता है। जैसा मैं घर में रहता हूं, वैसा ही व्यव्हार करता हूं बस वही सब किया है इस फिल्म में भी मैंने। इस बार मेरा केरैक्टर थोड़ा नौटी (शरारती) भी बनाया है सूरज ने। काफी ढ़ेर सारी कॉमेडी भी है, लेकिन यह शरारती चरित्र चित्रण किसी की बेईज्जती नहीं करता है। बॉउन्ड्री लाइन के तहत रहकर सब कुछ करता है वही इस केरैक्टर की खूबी भी है।
आपकी आगामी फिल्मों के बारे में कुछ बताएं?
मैं एस के एफ फिल्म्स और बीइंग ह्यूमन को जो कहानियाँ आगे ले जा सकती है वही कहानियाँ करने वाला हूं एक स्क्रिप्ट अतुल अग्निहोत्री तैयार कर रहे हैं शायद वह मेरी अगली फिल्म होगी “सुल्तान” फिल्म के रिलीज़ होने के पश्चात।