Monday, 16 November 2015

सलमान और सूरज की 27 साल पहले की कहानी सुनिए उन्हीं की जुबानी/lipika varma

INTERVIEW!! सलमान और सूरज की 27 साल पहले की कहानी सुनिए उन्हीं की जुबानी

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INTERVIEW!! सलमान और सूरज की 27 साल पहले की कहानी सुनिए उन्हीं की जुबानी

लिपिका वर्मा पेशकश
फिल्म, “प्रेम रतन धन पायो” बहुत जल्द सिनेमाघरों में सलमान का एक और नया अंदाज़े बयाँ करने आ रही है। इसी मौके पर सलमान और सूरज ने अपनी रियल कहानी हम सब को बताई।
सलमान खान एवं सूरज बड़जात्या ने मीडिया को बुलाकर 27 साल पहले की उनकी यादों को ताजा किया सूरज ने शुरआती दौर की फिल्म, “मैंने प्यार किया” किस तरह शुरू हुई यह फिल्म उसके बारे में हमें बताया “जी हाँ मैंने पहले कहानी अंग्रेजी में लिखी उसके बाद हिंदी में और फिर इस फिल्म के मुख्य कलाकार सलमान खान किस तरह चुन लिए गए वह एक अजीब सी कहानी है और किस तरह से सलमान की और मेरी ज़िन्दगी (सूरज) बदल गयी और अब एकसाथ, “प्रेम रतन धन पायो” भी कर रहे हैं हम।”
हम नयी जोड़ी तलाश रहे थे, सो सलमान पहले ऑडिशन में तो फैल हो गए। लुक किसी को पसंद नहीं आया। वह स्क्रीन पर बहुत ही बचकाने लग रहे थे और जब स्क्रीन टेस्ट हुआ तो सलमान ने जिस तरह से शब्द, “क्यों” कहा वह भी किसी के गले नहीं उतरा। सबसे पहले एक लड़की जिसका नाम शबाना दत्त है उसने सलमान के साथ एक कमर्शियल किया था सो उसने ही सलमान का नाम हमें दिया था सबसे पहले।”
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सूरज को बीच में ही काटते हुए सलमान बोले, “जी हाँ यह लड़की उसके बाद मुझे कभी भी नहीं मिली। कई मर्तबा उसे फ़ोन लगाने की कोशिश भी की पर उसका फ़ोन लगा ही नहीं। मुझे यह रोल दिलवाने में उसका बहुत बड़ा हाथ है। यदि यह रोल नहीं मिलता मुझे तो मैं आज यहां ना  होता। दरअसल में हमने एक चप्पल का एड साथ ही में किया था। उस वक़्त मुझे पैसों की बहुत जरूरत थी। ”
सूरज ने माईक थामते हुए इस चर्चा को आगे बढ़ाया और कहा, “सुरेश भगत एक फिल्म बना रहे थे जिसका टाइटल था, “बीवी हो तो ऐसी।” उन्होंने भी सलमान का नाम हमे सुझाया था। सो कुल मिला कर बहुत लोगों के कहने पर हमने सलमान को ऑडिशन के लिए बुलावा भेजा।”
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सलमान ने हँसते हुए फिर सूरज को काटा और कहा, ” मेरी फिल्म, “बीवी हो तो ऐसी” जब मैंने और अरबाज़ ने देखी तो सर पकड़ के बैठ गए इस में मेरी आवाज़ ही नहीं थी और तो और रोल में भी कोई दम नहीं था। मैंने तुरंत सूरज को फोन किया और कहा यह फिल्म मेरे लिए अच्छी नहीं है। सूरज ने कहा क्या होता है, फिल्म तो चलेगी ना। तब मैंने कहा हाँ फिल्म चलेगी तो मेरी आलोचना ही होगी। जितनी फिल्म चलेगी उतनी ही मेरी आलोचना तीव्र होगी और आगे मेरी सोलो लीड, “मैंने प्यार किया” आने वाली है सो मेरी तो काफी खराब हालत हो जाएगी। खैर देखते हैं कह कर सूरज ने फ़ोन रख दिया।
सलमान ने बात आगे बढ़ाते हुए अब हीरोइन की कास्टिंग से जुडी हुई कहानी हमें बतायी “शाहीन हम सबको पसंद आई किन्तु किसी कारणवश वह भी इस फिल्म को नहीं कर पायी। नीलम को हैदराबाद जाकर मिलना था सो वह भी कास्ट का हिस्सा नहीं बन पाई। अब भाग्यश्री जिसकी फोटो राज बाबू  (सूरज के पिताजी) ने चुनी और जब हम सब ने देखी तो मैंने पूछा “क्या इसे आप मेरी बहन के रूप में फिल्म में दिखलाने वाले है?”
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सूरज ने सलमान की तारीफ में कहा, “उस समय भी सलमान वन टेक आर्टिस्ट थे किन्तु हमेशा मुझे कहते एक और टेक लेते हैं। जब पहला रफ प्रिंट रिलीज़ हुआ तो मिक्सिंगकर्ता ने कहा इसकी आवाज़ हमें डब करनी पड़ेगी। खैर हम लोगों ने यह तय किया कि यह नया लड़का है सो इसकी डबिंग नहीं करेंगे।”
इस पर सलमान भावुक हो कर बोले, “एक 20 वर्षीय युवा सूरज की हिम्मत थी, कि उन्होंने मुझ जैसे नए लड़के को लेने की जुर्रत की। उस समय फिल्म की नेगेटिव भी बहुत महंगी हुआ करती। एक नए लड़के को लेना बहुत ही जोखिम का काम होता है। फिल्म का बजट उन दिनों के हिसाब से बहुत ज्यादा था- लगभग एक करोड़ 11 लाख रूपये की लागत से यह फिल्म बनी थी।”
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सूरज ने इसके बाद सलमान के साथ, “हम आपके हैं कौन, हम साथ साथ हैं की है। सलीम साहब को सलमान की हम साथ साथ हैं फिल्म बहुत अच्छी लगी। प्रेम रतन धन पायो में मैंने सलमान के उन सब प्रश्नों के जवाब दिए जो वह मुझ से अक्सर पुछा करते। सलमान सड़क पर गरीबी देख कर और लोगों को बीमारी ग्रस्त देख परेशान हो जाते हैं। प्रेम रतन धन पायो में सलमान का डबल रोल है। विजय और प्रेम नाम दोनों को सलमान ने बखूबी निभाया है।
सलमान ने कहा, “सूरज की कहानी रियल लाइफ से ही जुड़ी होती है। वह एक पारिवारिक पुरुष हैं और एक साधारण पारिवारिक फिल्म ही बनाते हैं जो युथ से जुड़ी होती है। इसलिए हर उम्र के लोगों को यह फिल्म “प्रेम रतन धन पायो” अपने परिवार के साथ जाकर ही देखनी चाहिए। हम लोग जीवन को कठिन बना देते हैं, दरअसल में जितना सरल जीवन जीएंगे आप उतना ही जटिलता से दूर रहेंगे हम और सूरज एक ऐसे बन्दे हैं जो अपनी फिल्मों द्वारा सरलता से जीवन शैली एवं पारिवारिक दुःख दर्द सब समेटकर जनता के समक्ष पेश करते हैं।”

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