Thursday, 10 September 2015

“मैं माँ बनने का भी विचार रखती हूं” – कंगना ताजा खबरफ़िल्मी इंटरव्यूबॉलीवुड अपडेटस/lipika varma 9 SEP, 2015 COMMENTS: 0

“मैं माँ बनने का भी विचार रखती हूं” – कंगना

ताजा खबरफ़िल्मी इंटरव्यूबॉलीवुड अपडेटस
“मैं माँ बनने का भी विचार रखती हूं” – कंगना

कंगना अब फिल्मों में अपना पैर जमा चुकी हैं और वह लक एवं मेहतन दोनों  को ही अहमियत देती हैं। वह अपने संघर्ष से सफल हुई हैं इस बात का उन्हें गर्व है और आने वाली पीढ़ी खासकर लड़कियां  उन्हें देख कर उनके जैसा काम करना चाहती हैं इस बात से कंगना को खुशी मिलती है।
हमारी संवाददाता लिपिका वर्मा के साथ  कंगना की एक खास बातचीत पेश है –
कट्टी और बट्टी की  कहानी क्या पेश करती है ?
हमारी फिल्म कट्टी-बट्टी  एक इंटेंस लव स्टोरी है। पब्लिक को ऐसा लगता है कि यह एक कॉलेज लाइफ और दो लोगों की लिव  इन रिलेशनशिप पर बनाई गई  एक रोमांटिक फिल्म होगी किन्तु ऐसा कुछ भी नहीं है। यह एक थ्रिलर फिल्म है। जैसे – जैसे कहानी के पेंच खुलते  जाएंगे आपको उस लड़की के बारे में  मालूम चलेगा कि- वह कौन है ? कहाँ  से आई है और उसका  क्या रहस्य है। इत्यादि
आप क्या कुछ ध्यान में रखकर फिल्म साइन करती हैं? आप बहुत चूजी भी है?
जी हाँ मै बहुत चूजी हूं। मेरे लिए फिल्म की कहानी और मेरा किरदार बहुत अच्छा होना चाहिए। कलाकार की हैसियत से मुझे ऐसा लगना चाहिए  कि दत्तो से बेहतर होना चाहिए  मेरा अगला किरदार, तभी मैं उस किरदार को करने के लिए हामी  भरूंगी, जाहिर सी बात है पहले वाले किरदार से एक कदम  बेहतर किरदार करना पसंद करुँगी। मैंने अपने ही बलबूते पर फिल्मी दुनिया में अपना एक मुकाम बनाया है तो देख सोच  कर ही आगे बढ़ना होगा मुझे।
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क्या इस फिल्म की कहानी लड़की के एंगल से ही आगे बढ़ती है?
दरअसल कट्टी बट्टी की कहानी का नजरिया बिल्कुल ही अलग है। कहानी  लड़के और लड़की के कोण से अलग अलग चलती है। अब फिल्म देखने के बाद आप लोगों को तय करना है कि किस की कहानी  बेहतर है, और ऐसा भी नहीं है कि इमरान का रोल मुझ से ज्यादा है या फिर मेरा उससे ज्यादा। दरअसल मैं हम दोनों का रोल बराबरी  का  ही है।
बचपन में सबसे ज्यादा कट्टी बट्टी किस से हुआ  करती थी  आपकी?
मेरे से एक छोटा भाई है। यह बहुत चालक  हुआ करता। जो कुछ भी हम साथ में किया करते जैसे चॉकलेट चुराना या फिर पैसे घर से ले जाकर कुछ खरीद कर खाना, सब कुछ कर लिया करता पर तुरंत जाकर माता  -पिता को चुगली भी लगा दिया करता। बस फिर हमारी कई दिनों तक कट्टी रहा  करती।
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आज आप टॉप की एक्टर मानी जाती है क्या कहना है इस बारे में?
एक वक्त वह हुआ करता- जब मैं फिल्म पाने के अवसर खोजा  करती। क्यूंकि उस वक़्त  मुझे फिल्म मिले यही एक बड़ी बात थी मेरे लिए। किन्तु अब जब मैंने अपना एक मुकाम बना लिया है तो मुझे अच्छी फिल्म और बेहतर रोल चुनने पड़ते है, क्यूंकि मेरी एक जिम्मेदारी भी है अपने फैंस के  प्रति। अब इतनी फिल्मों के ऑफर आते हैं कि एक साल में तो मुझे उन में से चुननी पड़ती है। अब वक्त बदल गया है और मुझे फिल्मों का चयन करने में सतर्कता बरतनी पड़ती  है।
आज इस मुकाम पर पहुँच कर किसी तरह का दबाव महसूस करती हैं ?
अब बेहतर किरदार थाली में मिल रहे है तो ख़ुशी होती है। मैंने मेहनत  करके यह मुकाम पाया है। बस अब चैलेंजिंग किरदार करना पसंद करती हूं ।
मेहनत और किस्मत आप के हिसाब से क्या महत्वपूर्ण  है आपके लिए?
आपको हर मोड़  पर मेहनत करनी पड़ती है। साथ साथ मैंने जो संघर्ष किया है इस मुकाम को पाने के लिए, वो   मुझे बड़ी कठिनाईयों से मिला है। एक तो मैं फिल्मी परिवार से नही आती हूं और मैंने भी शुरु शुरु में कई गलतियां की है। कई गलत लोग मेरी ज़िन्दगी में आये। पीछे मूड  कर जब देखती हूं तो ऐसा लगता है कि उन्ही  गलतियों की वजह से मैं और मजबूत बन पाई हूं। अपनी ज़िन्दगी किसी के हवाले से नहीं चलायी है मैंने, इस बात से और भी आत्मविश्वास मुझ में बढ़ा है। और मैं सभी लड़कियों से यही कहना चाहूंगी  कि मेहनत और लक दोनों साथ साथ चलते है। आप को अपनी ज़िन्दगी खुद चलाने   का हक है और उस हक को किसी और को ना  दे, फिर  चाहे माँ बाप, ब्वॉय फ्रेंड  या फिर कोई भी हो जो भी आप की ज़िन्दगी को चलायेगा  वह अपने हिसाब से आपको काम करने को कहेगा। मैं सेल्फ मेड वुमन हूं  और इस बात का मुझे गर्व भी है। सफलता, असफलता या फिर अच्छा  बुरा हर हाल में अपने आप को ही जिम्मेदार ठहराती हूं।
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आपने क्या खोया और क्या पाया ?
अपने जीवन के दस साल मैंने खो दिए है। मैंने 17 साल की उम्र से काम करना शुरू  कर दिया था। उस  समय मेरी उम्र की लड़कियां पिकनिक  और डेटिंग जाया करती। मैंने अपना बचपन खो दिया है। मैं कुछ साल दिल्ली में भी रही। अब सोचती हूं  गुड़गांव और हरियाणा में भी रहने के बाद मैं वहां से बच के निकल आई क्यूंकि आजकल इन जगहों पर काफी अनहोनी घटनायें हो रही हैं। अब इस मुकाम पर पहुँच कर मैं दो बारी सोचूंगी कि मुझे क्या करना है। अपनी उम्र से ज्यादा मेच्योर हो गयी हूं यह मेरे लिए फायदेमंद  ही साबित हुआ  है।
करियर के इस मुकाम पर पहुँच कर जब लोग कहते है कि  आप नकचढ़ी हैं तो कैसा लगता है ?
बुरा तो लगता है। पर जैसे के मेरे माँ बाप ने पहले मुझे कहा  था कि तुम इतनी टैलेंटेड हो तो किसी भी  बात की परवाह मत करो बस जी जान से मेहनत करती जाओ सफलता तुम्हारे कदम चुमेगी। तब विश्वास नहीं होता था।  किन्तु अब लगता है कि मैं उन सब से उभर कर सफलता की और ही बढ़ रही हूं पर मुझे गर्व है अपनी सफलता पर, किन्तु  घमंड नहीं। मेरे बारे में जो कुछ लोग भला -बुरा कहते हैं उसके लिए बस यही कह सकती हूं – सच्चाई सामने आ ही जाती है।
खान्स के साथ काम करने को नकार  देती है क्या कहना   है इस बारे में?  खान्स के भी बहुत सारे  फैंस है और मेरे भी, उन्हें खुश रखना हम सभी एक्टर्स का फर्ज बनता है। जब पहले मैं स्ट्रगल कर रही थी और सोचा करती मुझे खान्स  के साथ काम क्यों नहीं मिलता? किन्तु इस मुकाम पर आकर मुझे यह सोचना  होता है कि  मेरा किरदार क्या है? कहीं मेरे फैंस  मुझे उस किरदार में देख कर निराश ना हो जायें। जी हाँ ! बॉलीवुड भी मेल डोमिनिटेड  है किन्तु अब मैं भी अपने हिसाब से किरदार चुन सकती हूं मुझे ऐसा लगता है कि यदि हीरो का किरदार अच्छा है तो हीरोइन का भी बराबरी का हो, और यदि आज की लड़की मुझे अपना प्रेरणा स्रोत मानती है तो मुझे अच्छा लगता है। इसी लिए मैं “रानी लक्ष्मी बाई” और सिमरन और दत्तो जैसे रोल करना चाहती हूं। बॉक्स ऑफिस पर मेरी फिल्मों की एक अलग श्रेणी है भले  ही वो फिर छोटी बजट की क्यों ना  हो, अब जबकि मुझे खान्स  के साथ काम करने के लिए स्क्रिप्ट आती भी है तो यदि किरदार अच्छा ना हो तो मना कर देती हूं, सिर्फ इसलिए की अब मैं ऐसा कर सकती हूं।
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लड़कियों के करियर को लेकर क्या कहना है आपका ?
किसी को कितना पैसा मिलता है यह पूछना अच्छी बात नहीं है। पर हां लड़कियों पर यह शर्त रखना कि उनके लिए उनका करियर हॉबी की तरह होना  चाहिए यह गलत है। हमारे पास भी 365 दिन ही होते  600 दिन नहीं तो फिर यह असमानता क्यों? हमें भी अपना करियर आगे बढ़ाने  की सहूलियत होनी चाहिए।
आप फिल्मों के इलावा और क्या करना चाहती हैं ?
मेरी घुड़सवारी में दिलचस्पी बढ़ गयी है, और मैं चीज़ भी बनाना सीखना चाहती हूं। क्यूंकि मै  एक पहाड़ी लड़की हूं सो कार्बनिक खेती में भी दिलचस्पी ले रही हूं। अन्ततः मै माँ बनने का भी विचार रखती हूं।
किन्तु उसके लिए आपको शादी करनी पड़ेगी ?
हंस कर बोली-देखते हैं !!
या फिर आप किसी बच्चे को गोद  लेना चाहेंगी?
कुछ सोचा नहीं है।

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