INTERVIEW!! “सोहा एक बहुत ही संतुलित व्यक्तित्व रखती है” – कुणाल खेमू
कुणाल खेमू ने अपने 10 साल के फिल्मी सफर के बारे में दिल खोल कर हमारी संवाददाता लिपिका वर्मा से बातें की और उन्होंने -लिव इन रिलेशनशिप, शादी, सैफ अली खान एवं अपनी सास -शर्मिला टैगोर के बारे में भी बात की
आपका दस साल का फ़िल्मी सफर कैसा रहा ?
दरअसल मुझे इस बात से संतुष्टि है- कि मैं आज भी अपने हिसाब से फिल्में चुन सकता हूं किरदार और फिल्म की स्क्रिप्ट बेहतरीन होनी चाहिए फिर में पलट के नहीं देखता हूं अभी तक के सफर में -मैंने लगभग 12 फिल्में कर ली है और इस बात की ख़ुशी होती है कि मेरी सारी फिल्में अलग किस्म की श्रेणी में आती हैं। यह क्या कम है कि जिस काम को करने के लिए मै हमेशा उत्सुक रहता हूं वही काम मै आज तक करने में सफल हुआ हूं। हाँ यह जरूर है कि अब में कम से कम निर्देशक और निर्माता का चयन भी सोच समझ कर करता हूं सिर्फ इसलिए कि जो फिल्म बनाई जा रही है उसे थिएटर्स तक ले जाने की क्षमता उस निर्माता में होनी चाहिए।
आप की फिल्म भाग जॉनी में आप का क्या किरदार है ?
मेरे हिसाब से ऐसी फिल्म पहली बारी सुनहरे पर्दे पर जनता को देखने को मिलेगी। इस किरदार के दोनों -अच्छे एवं बुरे पक्ष देखने को मिलेगे। किस तरह यह किरदार केवल तीन दिन के लिए किसी कारणवश ऐसी दुविधा में फंस जाता है कि कभी उसे अच्छाई दिखानी पड़ती है और कभी बुराई। जैसे सिक्के के दो पहलू होते हैं उसी तरह इस किरदार के दोनों पहलू दिखाने में मुझे बड़ा ही मज़ा आया।
क्या आप कभी निर्देशन की बागडोर भी संभल सकते है ?
देखिये मुझे अभिनय करने में ही मजा आता है। मै एक क्रिएटिव आदमी हूं सो यदि कुछ म्यूजिक से जुड़ा हो तो भी जरुर करना पसंद करूंगा। अभी तो मुझे और अभिनय करने की इच्छा है। सो निर्देशन के बारे में कुछ भी नहीं सोचा है।
शादी से पहले सोहा के साथ आप लिव इन रिलेशनशिप में थे इस बारे में क्या कहना है आपका ?
मेरे हिसाब से मेरे लिए लिव-इन रेलशनशिप अच्छा ही साबित हुआ। कभी कभी क्या होता है -जब आप नयी शादी करके 3/4 दिन के लिए कहीं बाहर जाते हैं तब आपको अपने पार्टनर की आदतों के बारे में पता चलता है किन्तु हमे एक दूसरे के बारे में पहले से ही पता था। सोहा की खान -पान की आदतें कुछ अलग है वह बहुत जल्दी बदलती है खान -पान । शादी के बाद हम अब मिस्टर और मिसेस हो गए हैं बस यही फर्क है। पर हम दोनों एक दूसरे के पूरक है। सोहा को खाना बनाना बिल्कुल पसंद नहीं है। जबकि मुझे खाना बनाने का शौंक पहले से ही है। जब कभी मेरी माँ द्वारा बनाई गयी डिश मुझे पसंद नहीं आया करती तो माँ कहती-जा तू खुद ही अपनी पसंद की चीज बना ले, तब से मुझे अंडा करी, चाइनीज़ बनाना आ गया और शादी के बाद तो मैंने पास्ता बनाना भी सीख लिया है । हमारे यहाँ कुकिंग करने के लिए एक सहायक भी है किन्तु मुझे जब कभी मन करता है तब मैं खुद किचन में जाकर स्वादिष्ट डिशेस बना लता हूं। हम दोनों को घर का खाना बहुत पसंद है। कभी कभी जब यात्रा कर रहे होते हैं तो बाहर का खाना खा लेते हैं।
सोहा में आप को क्या पसंद है ?
सोहा एक बहुत ही संतुलित व्यक्तित्व रखती है और वह बहुत ही इंटेलिजेंट भी है। मुझे कई मर्तबा बहुत अच्छी अच्छी सलाह भी देती है। किन्तु हम दोनों बहुत ही दृढ़ चरित्र के है सो कभी कभी बहस में काफी गर्मी सी आ जाती है। मैं बहुत जल्दी गुस्सा हो जाता हूं और जल्द ही ठंडा भी। सो कई बारी मुझे ही झुकना पड़ता है। गुस्से में तो सोहा एक शेरनी का रूप धारण कर लेती है, पर जो कुछ भी हुआ हो उस पर बहस करने के बाद शांत भी हो जाती है। बस सोहा को हर चीज बारीकियों से समझनी होती है।
आप में सोहा क्या पसंद करती है?
सोहा को मेरी आँखे बहुत पसंद है और मेरा सब के साथ आसानी से मेल -जोल कर लेना भी पसंद है।
एक ही छत के नीचे रहना शादी के बाद कैसा अनुभव है ?
बहुत अच्छा। हम दोनों एक ही व्यवसाय से आते है तो हम सिनेमा के बारे में भी बातें कर लेते हैं। हम दोनों को एक ही टीवी शो भी पसंद आते है। सो लड़ाई नहीं होती है कि मुझे यह देखना है और उसे वह। खैर हम दोनों एक ही टीवी से संतुष्ट रहते हैं और बैठ कर साथ एक ही शो देखते है और हम दोनों एक दूसरे के साथ समय बिताने में भी उत्सुक रहते हैं। सो शादी के बाद भी हम वैसे ही है जैसे लिव इन के दौरान रहे।
अपने साले -सैफ अली खान से आपकी पटती होगी?
जी हाँ वह बहुत ही मिलनसार व्यक्तित्व रखते हैं और उनसे बहुत सारी दुनिया की जानकारियां भी मिल जाती है। वह काफी ज्ञानी है और बातचीत में हमे व्यस्त रखते हैं। वह बहुत ही जमीं से जुड़े हुए व्यक्तित्व के हैं। रॉयल परिवार से बिलोंग करते हैं लेकिन इस बात का उन्हें घमंड नहीं है। वह काफी मजाकिया भी है सो बहुत सारे जोक्स बोलकर माहौल खुश मिजासी का बनाये रखते है। हाँ कभी हम उनके घर तो कभी वह हमारे घर डिनर पर तशरीफ़ लाते हैं और कई दफे हम लोग साथ में यात्रा पर निकल पड़ते हैं तब उनका साथ होने का सौभाग्य हमें मिलता है।
उनके बैनर तले आप कब काम करेंगे ?
अभी कुछ तय नहीं किया है और यह सब चीज़ प्लान नहीं की जाती है। जब समय आएगा तब खुद ब खुद चीज़ होती चली जाती है।
अपनी सास शर्मिला के साथ कैसा समीकरण है आपका ?
अब उनके साथ कैसा समीकरण है क्या बताऊं ? बस यही कहना चाहूंगा कि बचपन से पटौदी परिवार को हम एक बहुत ही अनूठी नजर से देखा करते। किन्तु अब उनके परिवार का हिस्सा बनने के बाद यह एहसास हुआ कि यह लोग बहुत ही सरल एवं सीधे विचारों वाले हैं। इनका स्वभाव इतना विनम्र है कि आप सोच भी नहीं सकते है। उनके बारे में शब्दों में बयान करना मुमकिन नहीं होगा मेरे लिए। इतना कुछ पाने के बाद भी उन्हें इतना साधारण विचारों पर अमल करते हुए देख मुझे बहुत ही अच्छा लगता है। ऐसा टिकाऊ व्यक्तित्व देख बहुत ही अच्छा लगता है मुझे।
क्या आप अपनी सास के साथ एक चीन की दिवार बनाये रखते है ?
जी नहीं। ऐसा कोई कभी नहीं कर पाता है। दिल के रिश्ते कभी दिमाग से सोच समझ कर नहीं निभाये जाते है। रिश्तों को बनाये रखने के लिए कुछ प्लानिंग नहीं की जाती है। सच्चे दिल के रिश्ते अपने आप कायम रहते हैं।
सोहा के बारे में क्या कहना चाहेंगे ?
सोहा एक बहुत ही समझदार लड़की है और परिवार की चहेती भी वह न केवल सबकी दुलारी है पर समय समय पर सबको अच्छी सलाह भी दिया करती है। वह एक बहुत ही संतुलित वक्तित्व रखती है।