INTERVIEW!! “हमारे देश की कानून व्यवस्था जरूर सक्षम है” – कोंकणा
कोंकणा सेन ने दिल खोल के हमारी संवाददाता लिपिका वर्मा के साथ अपने पेशे और व्यक्तिगत एवं फिल्मों के बारे में बातचीत की-
फिल्म तलवार गांधी जयंती पर रिलीज़ हो रही है, क्या कहना है ?
यह तो अच्छी बात है कि फिल्म इस दिन रिलीज़ हो रही है। हमारी फिल्म को टोरंटो फिल्म फेस्टिवल में अच्छा खासा रिस्पांस मिला है सो बहुत ही अच्छा लगता है।
आजकल बहुत ही घिनौने अपराध होते है, क्या कहना चाहेंगी इस बारे में?
मेरे ख्याल से इस तरह के मर्डर पहले भी हमारे समाज में हुआ करते थे किन्तु मीडिया इतना सशक्त नहीं था सो हमे इनके बारे में मालूम नहीं पड़ता था। यदि आप देखें तो शिकार [विक्टिम] हत्यारे का परिचित ही होता है ।
हम सब एक समाजिक प्राणी है, इस तरह के मर्डर समाज में क्या बू फैलाते हैं ?
जाहिर सी बात है जब तलवार मर्डर केस हुआ तो लोगों में जिज्ञासा जरूर जागी होगी। बहुत ही भावुक केस रहा उस वक़्त का। किन्तु हम लोग केस का हल नहीं ढूंढ रहें है। इस केस की जाँच जो कि तीन अलग अलग तरफ से की गयी है सी बी आई की जाँच और नोएडा पुलिस जाँच को ही दिखला रहे हैं। फिल्म देखने के बाद लोगों को इस पर चर्चा करनी होगी और खुद ही सोचना होगा। दोनों जांचों को हमने खंगाला है।
हमारे देश की कानून व्यवस्था के बारे क्या कहना चाहेंगी ?
हमारे देश की कानून व्यवस्था जरूर सक्षम है। किन्तु इस केस में नोएडा पुलिस द्वारा कुछ गलतियाँ हुई हैं। कुछ प्रूफ लापता हो गए हैं और कुछ दूषित पाये गए हैं। हमारी कानून व्यवस्था खास कर पुलिस कर्मी बहुत ही मेहनत, लग्न और सच्चाई से काम करते हैं किन्तु इस केस में ऐसा हुआ है और यदि हमे लगता है कुछ गलत हुआ है तो हम इस बारे में बोल सकते हैं। यह एक ओपन एवं शट केस है। सही दिशा में नहीं जा पाया है।
आपका अब तक का फिल्मी सफर कैसा रहा ?
मैं खुश किस्मत हूं कि मुझे आज तक जो कुछ भी मिला है। मुझे ख़ुशी है कि मुझे हर बारी सार्थक काम ही मिला है।
आपने बंगाली फिल्म भी की है क्या आप साउथ की फिल्में करना चाहेंगी ?
देखिये बंगाली मेरी मातृ- भाषा है सो मातृ- भाषा की फिल्म करने में मुझे अच्छा लगता है। कोलकाता जाने का मौका भी मिलता है, यहाँ मेरा घर भी है सो में अपने लोगों के बीच रह कर काम कर पाती हूं। साउथ फिल्में हमारे कई अभिनेताओं ने की है, किन्तु मेरे अंदर एक आरक्षण की भावना उत्पन्न होती है क्योंकि मुझे भाषा नहीं आती है। इसलिए क्या मैं सही मायने में अपना भाव प्रकट कर पाऊँगी यही सोचती हूं?
हॉलीवुड में फिल्में करना चाहेंगी आप?
कुछ वर्ष पहले मुझे ऑफर आया था हॉलीवुड से। फ़िलहाल कुछ भी उत्तेजक ऑफर नहीं मिला है।
आप निर्देशन की बाग डोर संभालना चाहेंगी ?
अभी में एक स्क्रिप्ट पर काम कर रही हूं आगे चल कर फिल्म निर्देशन जरूर करना चाहूंगी और अपनी माँ के निर्देशन में भी काम करने की इच्छा है मुझे।
आप एक माँ है मातृत्व से बदलाव आया है आप में ?
मुझे ज्यादा फर्क महसूस नहीं हुआ है। माँ की जिम्मेदारियां निभाना काफी थकाऊ होता है किन्तु जब से माँ बनी हूं एक अद्भुत जिम्मेदारी का एहसास आ गया है मुझ में, एक माँ बनने के बाद कुछ ज्यादा समझदारी आ जाती है।