Home / Main-Banner / INTERVIEW!! “मैं कभी छोटे कपड़े, बिकनी नहीं पहनूँगी और कभी किसिंग सीन्स भी नहीं करुँगी ! ” – असिन
INTERVIEW!! “मैं कभी छोटे कपड़े, बिकनी नहीं पहनूँगी और कभी किसिंग सीन्स भी नहीं करुँगी ! ” – असिन
By Mayapuri on August 20, 2015
“मेरी कुछ आत्म सीमायें है और यदि उनके हिसाब से मुझे काम नहीं मिलता है तो मैं कभी काम नहीं करुँगी -मेरी सीमा यही है -न कभी किसिंग सीन करुँगी, बिकनी भी नहीं पहनूँगी, अंतरंग सीन्स भी नहीं करुँगी। मेरे हिसाब के रोल मिलेंगे तो जरूर करुँगी वरना अपना बोरिया बिस्तर बांध कर यहां से निकल लुंगी!!”असिन ने और बहुत भी बहुत सारी बातें हमारी संवाददाता लिपिका वर्मा के साथ शेयर की –
आप की वापसी काफी समय बाद, “आल इज़ वेल” से हो रही है हिंदी फिल्म्स में इतने समय क्या किया आपने ?
मैंने कुछ समय के लिए ब्रेक लिया हुआ था। मैं कभी भी ऐसी फिल्मों का हिस्सा नहीं बनना चाहती हूं जो फिल्में मुझे अच्छी नहीं लगती है। यदि मुझे कोई अच्छा रोल ना मिले तो मैं अपना बोरिया बिस्तर बांध कर यहां से चली जाना चाहूंगी। मुझे पैसों के लिए काम नहीं करना है। मैं ऑल इज़ वेल की शूटिंग में लगभग तीन साल व्यस्त रही इस फिल्म की शूटिंग कुछ भागों में की गयी है सो कुछ समय लग गया फिल्म को पूरा करने में।
उमेश शुक्ला के साथ काम करने का कैसा अनुभव रहा ?
जब निर्देशक उमेश शुक्ला जी मेरे घर आये तब हम कुछ घंटो तक उनकी फिल्म “ओह माय गोड” के बारे में ही चर्चा करते रहे। मुझे बहुत ख़ुशी हुई कि उन्होंने ‘आल इस वेल’ के लिए मुझे चुना। मैं वैसे भी उनकी फिल्म ‘ओह माय गॉड’ देख कर उनकी बहुत बड़ी फैन हो गयी थी। और उनकी फिल्म में काम करना अब मेरे फिल्मी बायोडाटा में 25 वीं फिल्म होती है। इस से बड़ी बात मेरे लिए क्या होगी।
ऋषि कपूर गुस्सैल किस्म के बन्दे है क्या कहना चाहेंगी ? कभी उनके गुस्से का शिकार हुई आप ?
ऋषि अंकल मुझे सुपुत्री की तरह ही मानते है और उनके साथ उनके जोक्स को बहुत एन्जॉय किया है मैनें मेरे हिसाब से आपको कोई ख़राब एक्सपीरियंस हुआ होगा।
वो बहुत ही स्पष्टवादी व्यक्ति है और आज तक उन्होंने अपने आपको बदला नहीं है बस यही मुझे अच्छा लगता है। वो कभी भी दो मुंहा बात नहीं करते है। मैं उन्हें, ‘टेडी बिअर कह कर बुलाती हूं। वह अपनी कही हुई बात से कभी भी पलटते नहीं है और वही उनकी ताकत है।
आप अभिषेक के साथ फिल्में करती हैं लेकिन उनकी फिल्में बाक्स ऑफिस पर हिट नहीं होती ?
क्यों अभी हाल ही में उनकी हैप्पी न्यू ईयर बॉक्स ऑफिस पर हिट रही है, और मैं कास्टिंग नहीं करती हूं, वो निर्देशक की भूमिका होती है। मैं सिर्फ अच्छे माहौल में और अच्छी फिल्मों का हिस्सा बनना पसंद करती हूं, जब भी किसी भी फिल्म का हिस्सा बनती हूं तो इन बातों का ध्यान रखती हूं- अच्छी स्क्रिप्ट होनी चाहिए, कम्फर्ट लेवल एक्टर्स के साथ होना चाहिए और मैंने आज तक जिन सब अभिनेताओं के साथ काम किया है वो सारे के सारे मेरे दोस्त बन गए हैं। फिल्म का प्रोमोशन भी अच्छी तरह से हो इस बात का ध्यान रखती हूं क्यूंकि प्रोमोशन फिल्मों के लिए एक अहम हिस्सा बन गया है।
अभिषेक बच्चन बहुत ही मस्ती करते हैं सेट्स पर आप के साथ क्या कुछ किया?
वैसे वो बहुत जोक्स बोलते हैं और सेट्स पर उनके साथ काम करने का मज़ा ही कुछ और है। मुझे याद है बोल बच्चन के बाद मैं उनको भाई -जान कह कर पुकारने लगी थी और,”ऑल इज़ वेल” के सेट्स पर भी भाई -जान ही कहा करती तब उन्होंने मुझे एक दिन हंसते हुए कहा यदि तुम भाई – जान कह कर मुझे पुकारोगी तो मैं रोमांस कैसे कर पाउँगा ? सो प्लीज भाई -जान मत बोलना सेट पर तब से फिर मैंने उनको भाई -जान कहना बंद कर दिया।
‘ऑल इज़ वेल’ में अपने किरदार के बारे में कुछ बताइए ?
अपने रील करेक्टर की तरह ही मैं निजी जीवन में भी सकारात्मक विचार रखती हूं। मैं नकारात्मक विचारों से दूर ही रहना चाहती हूं। मेरे माता पिता भी बहुत सकारात्मक विचार रखते हैं और हम तीनों का एक छोटा सा परिवार है जो एक दूसरे के विचारों से हरदम सहमत रहता है। मैं इकलौती बच्ची होने के नाते उनके बहुत करीब हूं और वह दोनों मेरे दोस्त की तरह है मैं उनसे कुछ भी नहीं छुपाती हूं । मेरे पिताजी और माताजी मेरी झूठी तारीफ कभी भी नहीं करते हैं, यदि उन्हें मेरा काम पसंद ना आया हो तो मुझे उसकी खामियां भी बताते है। अभिषेक का किरदार इस फिल्म में कुछ नकारात्मक विचारों से प्रेरित है किन्तु मैं उनके जीवन में जब से प्रवेश करती हूं तब से उन्हें में सकारात्मक विचारों से प्रेरित होने की सलाह देती रहती हूं, और कुछ समय बाद वो मेरे विचारों से सहमत होने लगते हैं।
हिंदी फिल्मो में काम करने का अनुभव कैसा रहा ?
यह क्या कम है कि हिंदी फिल्मी दुनिया का हिस्सा मैं अपनी बनाई हुई कुछ शर्तो पर ही बनती हूं। और यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे अपनी शर्तों पर फिल्में मिली और मैं हिंदी फिल्मी दुनिया का हिस्सा बन पायी। बॉलीवुड में मेरा सफर बहुत ही अच्छा रहा। मेरा कोई शुगर डैडी या फिर कोई गॉडफादर भी नहीं है इस इंडस्ट्री में। सॉउथ की फिल्मी दुनिया का हिस्सा पहले से थी बीस फिल्में करने के बाद मै यहाँ मुंबई आई और मुझे हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा बनने का मौका मिला मुझे इस बात की बहुत ख़ुशी है, और तो और यहाँ हर निर्देशक ने मेरे टैलेंट को पहचाना है और मुझे काम दिया है।
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