INTERVIEW!! “सलमान की आदते बहुत कुछ मेरी जैसी है!!” – धर्मेन्द्र
By Mayapuri on June 23, 2015
धर्मेंदर अपनी फिल्म सेकंड हैंड हस्बैंड के प्रोमोशन्स के दौरान काफी भावुक हो उठे। हमसे ढेर सारी बाते की और उन्होंने सलमान को अपना ही मैन का ख़िताब भी दे डाला ।
सनी देओल को घायल 2 के लिए कुछ टिप्स देते है क्या आप?
जी नहीं , मैंने उन्हें पूरी छूट दे रखी है। और मेरा यह विश्वास है कि वह पूरी तरह से हार्ड वर्क कर रहे है। किन्तु जब कोई असफलता मिले तो इंसान की यह फितरत होती है कि वो भगवन के ऊपर सब इलज़ाम डाल देता है।
सेकंड हैंड हस्बैंड में आप का क्या किरदार है ?
इस में मैं शादी शुदा आदमी का किरदार कर रहा हू। एक बहुत बड़ा फ़्लर्ट का किरदार कर रहा हू। और जब फ़्लर्ट करते हुए रंगे हाथो पकड़ा जाता हू तो “जलवे का हलवा” कैसे निकलता है यह आपको देखने मिलेगा। मेरे किरदार को काफी सारा फुटेज मिल रहा है इस फिल्म में. मै हर बारी अपनी पत्नी से शराब नहीं पियूंगा ऐसा बोलता हू यह भी कहता हू -कि मंगलवार को शराब पीना छोड़ दूंगा पर यह मंगलवार सालो बीत जाते है वह मंगलवार कभी नहीं आता है मेरा ,। यह बहुत ही मनोरंजक किरदार है ,कई आदमियों को लगेगा कि यह किरदार मेरे जैसा ही है जबकि पत्नी एवं लेडीज को लगेगा कि यह आदमी बहुत ही चंट है।
यमला पगला दीवाना 2 क्यों नहीं चली बॉक्स ऑफिस पर?
जी हां यमला पगला दीवाना 2 ने हमे बहुत ही रुला दिया। इस फिल्म में हमारा काफी पैसा भी लग गया है। मैंने डबल थे ट्रबल की थी ,इसलिए सेकंड हैंड हस्बैंड क्योंकि मुझे इस की स्क्रिप्ट बहुत ही बेहतरीन लगी और यह फिल्म पंजाबी में हिट हुई सो हमने सोचा इस फिल्म को हिंदी में भी बना लिया जाये। यमला पार्ट 2 जब मैंने सनी के साथ ट्रायल देखी तब ही मैंने उसे कहा ,” यह फिल्म तो पिट जाएगी”. किन्तु जब हम सीन्स फिल्म में कर रहे थे तब मैंने डायरेक्टर से यह था कि जो चिम्पांज़ी है उसे अच्छी तरह इस्तेमाल करना। पर जब फिल्म रिलीज़ हुई तो उस चिम्पांजी को लोगो ने पसंद नहीं किया । आजकल हर किरदार फिल्म में सब के मन को भा जाना चाहिए ,तभी फिल्म अच्छी चलती है।
आप बहुत ही सरल स्वाभाव के है ,आपको कभी गुस्सा नहीं आता है ?
मैं हर किसिस को प्यार से अपने गले लगा लेता हू। किन्तु यदि प्यार को गलत अंदाज़ से ले तो फिर मुझे गुस्सा जरूर आता है। यदि फालतू स्टाइल मारे तो उसे सीधा भी करना पड़ता हैं यदि आत्मसम्मान को टहस् पहुंचाये तो बहुत बुरा लगता है।
आज के सिनेमा में तहज़ीब नहीं रह गयी है ,क्या कहना चाहेंगे ?
जी हाँ पहले के ज़माने में हम लोग नानी-दादी से कहानी बैठ कर सुनते थे . और कभी कभी कहानी सुनते सुनते उनके घर ही सो जाया करते थे। आज की दुनिया में हर कोई ,” टू दी पॉइंट काम करना चाहता है ,कुछ जल्दी में रहता है हर इंसान। और रियल कहानियों से प्रेरित मसले पर ही फिल्म बनाते है ज्यादातर ,यह अच्छी बात है। किन्तु ऋषिकेश मुख़र्जी की कहानी इतनी सुंदर तौर से लिखी गयी होती थी- कि हम यूहीं चलते हुए सीन में गुजर जाये तो भी लोगो को हमारा काम अच्छा लगता। सब हमारे काम की तारीफ ही करते ,जबकि हमने कुछ भी नहीं किया होता। उनकी फिल्मे बहुत ही अच्छी स्क्रीन प्ले से अनुबंदित होती।
अपनी जीवनी पर फिल्म बने तो किस को देखना चाहेंगे?
दरअसल मै अपनी जीवनी पर कुछ लिखता हू उसे पढ़ता हू और फिर बंद करके रख देता हू. मैं दरअसल कुछ अलसी भी हू। मुझे ऐसा लगता है कि – में खुद मेक उप लगा कर आ जाऊ और खुद अपना किरदार निभा लू।
आप के ज़माने के ,”ही -मैन ” कहलाये जाने वाले हीरो थे आप ,आज यह दर्जा किसे देना चाहेंगे?
मैंने अपने ज़माने में कबबडी,हॉकी और अन्य खेल भी खेले है और मैं दबंग (डेरिंग) भी बहुत था। एक बनयान के पेड़ से दूसरे पर छलांग लगा लिया करता। हमारे माँ बाप ने हमे बहुत अच्छा खाना पीना खिलाया है। उस ज़माने में फ्रिज नहीं हुआ करते तो एक गढ़वी पानी के तपेली में एक गिलास दूध रख कर रात को जब हम उठा करते वह एक गिलास दूध हमे पिला दिया जाता। वह मोह प्यार और अच्छी खुराक की वजह से ही भगवन ने मुझे यह बेहतरीन फिजिक दी है। मुझे याद है एक फिल्म में मैंने रोमन स्कर्ट पहनी थी और सलमान ने मुझे यह कहा था कि -“पाजी आज भी हम कोशिश करते है तो आपकी जैसी जांगेः (थाईज़) नहीं बना पाये !!” पर सलमान की कई आदते मेरी जैसी ही है वह ,”ही मैन हीरो कहलाया जा सकता है। में आज भी इस लिए जवान हू क्योंकि मुझे मेरे फंस का प्यार मिल रहा है। ”
“अपने दौर के सभी हीरोज – देवानंद , राज कपूर , राजेंदर कुमार और मेहबूब को मैं बहुत मिस करता हू। यदा कदा फोटो एलबम देख कर उनके साथ बीते हुए पल याद करके कभी कभी रो लिया करता हू।
दिवाली पर मेरी फिल्म सेकंड हैंड हस्बैंड रिलीज़ हो रही है सो आप लोग सब यह फिल्म जरूर देखने आयें .”
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