Tuesday, 6 October 2015

INTERVIEW!! “हर कर्तव्य प्रतिबद्ध रहकर एक विद्यार्थी की तरह ही निभा पाऊं” -ऐश्वर्या राय बच्चन ताजा खबरफ़िल्मी इंटरव्यूबॉलीवुड अपडेटस/lipika varma6 OCT, 2015 COMMENTS: 0

INTERVIEW!! “हर कर्तव्य प्रतिबद्ध रहकर एक विद्यार्थी की तरह ही निभा पाऊं” -ऐश्वर्या राय बच्चन

ताजा खबरफ़िल्मी इंटरव्यूबॉलीवुड अपडेटस
INTERVIEW!! “हर कर्तव्य प्रतिबद्ध रहकर एक विद्यार्थी की तरह ही निभा पाऊं” -ऐश्वर्या राय बच्चन

ऐश्वर्या राय बच्चन फिल्म जज़्बा में नजर आने वाली हैं बतौर एक माँ और वकील यह किरदार उनके लिए बहुत अहम है क्योंकि इस किरदार से रियल लाइफ में माँ बनने के बाद वह रील लाइफ पर दोबारा अपने दर्शकों को लुभाने आ रही हैं और उन लोगों को भी यह दिखाना चाहती हैं कि आम जीवन में हर माँ जिस तरह से अपना पेशा और परिवार संभालते हुए आगे बढ़ती हैं उसी तरह ऐश भी जिम्मेदारियों एवं पेशे की प्रतिबद्धता दोनों ही को लेकर रियेलिटी में और रील पर सफलतापूर्वक अपनी सारी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हुए चल रही हैं –
हमारी संवाददाता लिपिका वर्मा के ढ़ेर सारे सवालों का जवाब दिया ऐश ने  –
अपने फिल्मी सफर के शुरुआती दौर के बारे में कुछ बताएं ?
मेरा फिल्मी सफर अपने आप में अद्वितीय है, दरअसल यह कुछ और तरह से भी हो सकता था, किन्तु जो भी हुआ उससे मुझे कोई भी गिला या शिकवा नहीं है। मिस वर्ल्ड बनने के बाद मेरे फिल्मी सफर की अद्वितीय शुरुआत हुई है। हालाँकि मेरी शुरआत कुछ और अलग हो सकती थी किन्तु जो हुआ जैसा हुआ बढ़िया हुआ। मिस वर्ल्ड बनने के बाद मुझे काफी सारे प्रस्ताव मिले और उन्हीं की वजह से मेरा फिल्मी सफर आगे बढ़ता चला गया। मैंने हमेशा से अच्छी फिल्में ही चुनी है और उसी मुताबिक काम भी करने की कोशिश करती रही हूं। हर एक्टर अच्छी फिल्में ही करना चाहता है पर यदि कभी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं होती है तो उसके कई कारण होते हैं। मैंने कोई भी फीमेल लीड पैकेजिंग कभी नहीं की है जिससे अपना फिल्मी सफर सुरक्षित कर सकूं। पर हाँ- यह जरूर है कि, जो कुछ भी मुझे मिला बस उन्ही सबमें से अच्छा चुन कर काम करती चली गयी। दरअसल फिल्मकारों, दर्शकों और अपने फैंस की मैं बहुत ही शुक्रगुजार हूं I जिन्होंने मेरी फिल्मों के चुनाव को हमेशा से सपोर्ट किया है और बदले में मैं उनकी उम्मीदों पर हमेशा से खरी उतरने की कोशिश करती रहती हूं। बतौर अभिनेत्री मैंने कभी यह नहीं सोचा की मुझे ऐसा करना था – बस एक फ्री आर्टिस्ट की तरह आगे ही बढ़ती रही हूं। मेरी फिल्मी यात्रा कुछ अलग ढंग से भी हो सकती थी किन्तु इसका यह मतलब नहीं है कि – मैं अपने फिल्मी सफर से खुश नहीं हूं ? जो कुछ भी फिल्में करी उनसे मैं बहुत ही संतुष्ट हूं। अपने चरित्रचित्रण द्वारा अपने फैंस का मनोरंजन कर पाती हूं, यह मेरे लिए एक महत्वपूर्ण बात है।
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जज़्बा फिल्म चुनने के पीछे क्या वजह रही ?
इस फिल्म का विषय मेरे दिल के बहुत करीब है और बहुत ही स्ट्रांग विषय है एवं अद्वितीय चरित्र है जो मैं निभा रही हूं। यह किरदार उत्तेजना पैदा करता है और मेरे लिए इस किरदार को निभाना चुनौतीपूर्ण रहा है। यह नई किस्म की रोमांचक कहानी मेरे लिए ही थी। हंस कर बोली ऐश
फिल्म के प्रोमोज में स्टंट करती हुई नजर आई, बहुत मेहनत करनी पड़ी होगी ?
मेहनत नहीं करनी पड़ी। समय ही नहीं था। जो कुछ योग वगैरह करती हूं उस बलबूते पर सेट्स पर जो दिया गया उसे निभा पायी -बस यही कहना चाहूंगी  शरीर ने इज्जत रख ली !!” हंस कर बोली ऐश
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आप हॉलीवुड में भी एक जानी -मानी हस्ती है और हमारे भारत देश को गौरवान्वित करती है ,क्या कहना है ?
मुझे नहीं पता कौन सा,”वूड” किन्तु मेरे दर्शक, फिल्ममेकर्स और मेरे फैंस सब मेरे कठोर परिश्रम की सराहना करते हैं सो मैं उनकी शुक्रगुजार हूंI मैं एक विद्यार्थी की तरह अपना काम करते हुए आगे बढ़ती हूं और यही चाहती हूं कि मैं हमेशा से इसी तरह काम करती रहूं। हर काम प्रतिबद्ध रहकर ही करती हूं। हमेशा यही कोशिश करती हूं कि  जब भी मुझे मौका मिले मैं अपने कर्तव्यों को एक विद्यार्थी की तरह ही निभा पाऊं।
जज्बा से पहले ब्रेक पर रहीं आप, क्या कहना है इस बारे में?
दरअसल आप यह तय नही कर पाते कि कब आप ब्रेक पर जायें ? और कब वापसी करने के लिए तैयार हैं इस पर भी तय कर पाना मुश्किल होता है ? मेरे लिए हमेशा से वह एक सही समय होना चाहिए। क्यूंकि मैं उसी तरह का व्यक्तित्व रखती हूं सही समय पर ही सही चीज़ करना चाहती हूं। जिस काम से प्रतिबद्ध होती हूं उसे हर हाल में निभाना होता है फिर चाहे वह रियेलिटी से जुड़े हुए काम हो या पेशे से। मैं हमेशा से ही एक मल्टी काम करने वाली महिला रही हूं सो सीधी सी बात है मुझे दोनों अपने रियेलिटी एवं पेशे में अच्छा खासा बैलेंस रख कर निभाना होता है।
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इस विषय पर कुछ और जोड़ते हुए ऐश बोली,” फिल्मों में काम करने के साथ साथ मैंने अपने ब्रांडिंग प्रतिबद्धता  को भी निभाया है। यह पेशा अभिनेताओं के लिए एक सामानांतर पेशा होता है जो हमे काफी व्यस्त भी रखता है। ब्रांड एंबेसेडर भी हूं मैं,  उसके लिए भी समय निकालना होता है लेकिन इस बीच जब में एक ऐतिहासिक फिल्म, “जोधा अकबर” कर रही थी उसी के दौरान मेरी शादी भी हो गई। बस फिर अपनी नई प्रतिबद्धता बतौर पत्नी एवं बहु के रिश्तों को भी निभाना अवश्य था और इसी दौरान मैं गर्भवती भी हो गयी। फिर तो हमें यह भी एहसास नहीं होता है कि ६ महीने किस तरह गुजर गए जब कि हमेशा हम सोचते हैं अब यह करेंगे वगैरह वगैरह अपना जीवन कुछ प्लान ही कर रही थी कि अराध्या मेरी गोद में आ गयी। यह नई रियेलिटी में भगवान की शुक्रगुजार हूं, अब मैं अपना मातृत्व बखूबी निभा रही हूं और इसे एन्जॉय भी कर रही हूं।
बतौर माँ होने के नाते वकील का किरदार और अच्छी तरह से – भाव प्रकट (ईमोट) कर पाई होंगी आप ?
मेरा ऐसा मानना है – बतौर अभिनेता हमे कोई भी रोल अच्छी तरह ही निभाना होता है। हमारी फिल्मों में रिश्ते महत्वपूर्ण होते हैं। हम पत्नी, माँ या फिर एक टीचर इत्यादि का रोल निभाते हैं। सो काम बेहतर ही होना चाहिए और भावनायें भी एक अभिनेता में हमेशा से ही होनी चाहिए। अपने पात्र को सरलता और स्वाभाविक रूप से  कनेक्ट कर पाना हमारी जिम्मेदारी होती है।
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महिला उन्मुख किरदार है जज्बा, आप महिला उन्मुख – रोल्स करना चाहेंगी ?
कोई भी किरदार जो वीमेन कनेक्ट हो मुझे करने मिले तो अच्छी बात है। किन्तु जब तक हम फिल्मों की पूरक  रूप से चर्चा करते रहेंगे तो-मेरा ऐसा मानना है कि हमें और कुछ विकसित होना पड़ेगा। फिल्मों को वीमेन ओरिएंटेड, या फिर वीमेन एम्पावरमेंट वाली फिल्में कह कर सम्बोधित करना उचित नहीं होगा और यदि हम ऐसा करते हैं तो हमे और एक लम्बा रास्ता तय करना है।

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