Sunday, 25 October 2015
Thursday, 22 October 2015
Wednesday, 21 October 2015
Tuesday, 20 October 2015
Sunday, 18 October 2015
Saturday, 17 October 2015
Friday, 16 October 2015
INTERVIEW!! सना और मीरा एकसाथ हो तो “हाउस ओन फायर” जैसा माहौल हो जाता है !! ताजा खबरफ़िल्मी इंटरव्यूबॉलीवुड अपडेटस16 OCT, 2015 COMMENTS: 0
INTERVIEW!! सना और मीरा एकसाथ हो तो “हाउस ओन फायर” जैसा माहौल हो जाता है !!
16 OCT, 2015
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सना कपूर अपनी डेब्यू फिल्म, “शानदार” को लेकर खासी उत्साहित है। सना को अभिनय क्षमता माता-पिता से अनुवांशिक रूप से मिली है। थिएटर्स में जाकर प्ले जरूर देखें है सना ने किन्तु खुद प्लेज़ में भाग कभी नहीं लिया है। अपनी पहली फिल्म, “शानदार” जो पर्यटन स्थल शादी या यूं कहें कि परियों की स्टाइल वाली शादी पेश करती है मैं दुल्हन बनकर बहुत ही उत्साहित है वो।
हमारी संवाददाता लिपिका वर्मा के ढ़ेर सारे सवालों के जवाब दिल खोल कर दिए सना ने
आपके पहले गाने “गुलाबो” ने बहुत धूम मचा रखी है। क्या कहना चाहोगी ?
जी हाँ मुझे यह गाना बेहद पसंद है। इस गाने के बोल भी बहुत ही सुंदर ढंग से पिरोये गए है। मैंने इस गाने को मुँह जुबानी याद कर रखा था। यह बहुत ही मजेदार और दिल को लुभाने वाला एक बेहतरीन नंबर है। सब ने इसे ढ़ेर सारे, “लाइक्स” भी दिए सोशल मीडिया पर। इससे ज्यादा ख़ुशी की और क्या बात हो सकती है मेरे लिए?
अभिनय आपके अंदर, “जन्म से” है क्या कहना चाहेंगी?
अनुवांशिक रूप से अभिनय क्षमता मुझ में जरूर आई है। किन्तु मैंने अभिनय कला का बकायदा कोर्स भी किया है। यह कह सकती हूं कि एक्टिंग का कीड़ा मुझ में जरूर है जिसकी बदौलत मैं आज बड़े परदे पर काम कर रही हूं।
आप ने किस तरह की ट्रेनिंग ली है ?
मैंने न्यूयॉर्क में थिएटर की पढ़ाई की है। हालाँकि मैंने थिएटर कभी नहीं किया है। मैंने अपनी माताजी के प्ले देखें है और जब मैं स्कूल -कॉलेज में थी तब कुछ प्ले किये है।
आप अपने आपको नेचुरल (स्वाभाविक) एक्टर मानती हैं क्या ?
जी हाँ, मुझे कैमरे से बेहद प्यार है। जब भी मैं कैमरे के सामने होती हूं तो जो कुछ भी करने को कहा जाये खुद ब खुद हो जाता है। निर्देशक विकास बहल की फिल्म “शानदार” में अपना किरदार निभाते समय मैंने उनसे लगभग 10 प्रश्न पूछ डाले। तब जाकर मैं अपने किरदार को अच्छे से निभी पायी। मैं अपने काम को लेकर बहुत भावुक हूं
किसी पर्यटन स्थल पर अगर आपको अपनी शादी करनी हो तो वह कौन सा स्थल होगा ?
पर्यटन स्थल को शादी के लिए इसलिए चुनना चाहूंगी, क्योंकि यह शादी दूर दराज जगह पर होती है और दोनों परिवार दिन- रात साथ रहते हैं, सो उन्हें एक दूसरे को जानने का मौका मिलता है और मजा भी बहुत आता है। मैं अपनी ऐसी ही शादी करना चाहूंगी – ग्रीस में शादी करना चाहूंगी। क्योंकि यह बहुत ही सुंदर देश है। पानी भी नीला नीला सा है और यह सफेदी की सुंदरता के लिए जाना माना देश है।
शाहिद ने आपको क्या सलाह दी ?
उन्होंने कहा अपना काम निसंकोच करो और बिल्कुल कुछ भी नहीं सोचना जब अपना शॉट दे रही होती हो। जब मैं शादी के जोड़े में बाहर आई तो मेरे पापा (पंकज कपूर) और भईया शाहिद के आंसू छलक पड़े लेकिन मैंने दोनों से कहा -“चिल मारो” – यह सिर्फ एक्टिंग है।
मीरा (भाभी) से कैसा समीकरण है ?
मेरी मीरा से बहुत पटती है। मैं शादी से पहले से ही उनकी दोस्त बन गयी थी। वह एक बेहद ही साधारण व्यक्तित्व रखती हैं और हमारे परिवार में बिल्कुल फिट बैठती हैं। वह भी मेरी तरह ही मौज मस्ती करना पसंद करती हैं। वह हमारी फिल्म, “शानदार” देखने का बेसब्री से इन्तजार कर रही हैं। हम दोनों जब साथ होते है तो घर एकदम, “हाउस ओन फायर” जैसा लगता है। बहुत ही एन्जॉय करते हैं हम दोनों एक दूसरे के साथ।
Thursday, 15 October 2015
Wednesday, 14 October 2015
INTERVIEW!! मुझे ख़ुशी है कि “मेरे पति दिलीप कुमार ने इंडो -पाक शांति के मुद्दे पर बातचीत की” – सायरा बानो ताजा खबरफ़िल्मी इंटरव्यूबॉलीवुड अपडेटस14 OCT, 2015/lipika varma COMMENTS: 0
INTERVIEW!! मुझे ख़ुशी है कि “मेरे पति दिलीप कुमार ने इंडो -पाक शांति के मुद्दे पर बातचीत की” – सायरा बानो
14 OCT, 2015
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पूर्व पाकिस्तानी विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी अपनी हालिया यात्रा के दौरान दिलीप साहब के घर पर उनसे मिलने पहुंचे – इस पर सायरा ने कहा कि पूर्व पाकिस्तानी विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी कल हमारे घर पधारे थे। यह बहुत ही स्पष्ट विजिट रही। वे बहुत ही अच्छे व्यक्ति हैं और उन्होंने सही लिखा है कि मेरे पति दिलीप साहब दो बारी पाकिस्तान शांति के मसले पर विचार विमर्श करने गए थे।”
इस बात का स्पष्टीकरण देते हुए सायरा जी बोली, ” जब ज़िआ उल हक़ पाकिस्तान के राष्ट्रपति थे तब लहारु के नवाब के न्यौते पर दिलीप साहब को पाकिस्तान बुलाया गया था। इस बात पर मुझे गर्व है कि शान्ति के मसले पर बातचीत के लिए मेरे पति को ख़ास कर बुलाया गया।
हम सेलेब्रिटी होने के नाते यदि मानवता के लिए कुछ अच्छा कर सकते हैं तो यह हमारा अहोभाग्य है। दिलीप साहब हमेशा से ही शांति और अमन चाहते हैं। उनका यह मानना है कि पूरी दुनिया में शांति और अमन का माहौल होना चाहिए, ताकि मानव उन्नति कर सके।
अपनी इच्छा जाहिर करते हुए सायरा दिलीप साहब के पाकिस्तान में पुश्तैनी बंगले पर बात करते हुए बोली, ” युसूफ साहब का जन्म पेशावर में तब हुआ था, जब पाकिस्तान-भारत का विभाजन नहीं हुआ था। सो उनकी यह दिली ख्वाहिश है कि पेशावर वाला दिलीप साहब का बंगला म्यूजियम में तब्दील कर दिया जाये।
Tuesday, 13 October 2015
INTERVIEW!! सलमान के साथ कौन काम नहीं करना चाहेगा ? – विकास बहल ताजा खबरफ़िल्मी इंटरव्यूबॉलीवुड अपडेटस13 OCT, 2015/lipika varma COMMENTS: 0
INTERVIEW!! सलमान के साथ कौन काम नहीं करना चाहेगा ? – विकास बहल
13 OCT, 2015
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हमारी संवाददाता लिपिका वर्मा के सवालों के जवाब बेबाकी से दिए –
विकास बहल ने भले ही फिल्म, “शानदार” में अलिया भट्ट को शहीद कपूर के अपोजिट कास्ट किया है, लेकिन वह कंगना के साथ आगे भी काम करना चाहेंगे। दो नेशनल अवार्ड मिल जाने के बाद विकास का ऐसा मानना है कि- अब वह कोई भी फिल्म बना सकते हैं।
आपको नेशनल अवार्ड का दबाव महसूस होता है ?
जी नहीं! मैंने कभी नेशनल अवार्ड विनर होने के हिसाब से फिल्में नहीं बनाई है। मैं स्क्रिप्ट लिखता हूं तत्पश्चात अपनी कास्ट पूरी करता हूं और ‘क्वीन’ फिल्म की स्क्रिप्ट लिखने के बाद कंगना को मैंने फाइनल किया था। मुझे नहीं मालूम था कि क्वीन को नेशनल अवार्ड मिल जायेगा। यह तो मेरी खुश-किस्मती है कि मुझे नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया। दरअसल अब मैं कुछ भी बना सकता हूं।
तो अब आप कंगना के साथ काम नहीं करेंगे कभी ?
ऐसा नहीं है। यदि उनके लिए कोई बेहतरीन केरैक्टर मेरे पास होगा तो जरूर उनके साथ काम करना चाहूंगा। वह एक बेहतरीन अभिनेत्री है और उनके साथ काम करने का अनुभव अच्छा ही होगा हमेशा। जब किसी अभिनेता से मेल-जोल हो जाता तो काम करने में सहूलियत ही होती है।
आप हमेशा से ही वुमन इम्पावरमेंट (महिला सशक्तिकरण ) से जुड़े मुद्दे ही बनाते हैं। क्या कहना है ?
महिला अपने आप में ही सशक्त होती है हमारी माँ का उदाहरण ही ले लीजिये- वह परिवार को बखूबी संभालती है। लेकिन हम उसे हर दिन उठ कर धन्यवाद नहीं कहते हैं। बल्कि हम लोग कुछ न कुछ उल्टा -सीधा उनको कह देते हैं। यदि सौस ना हो घर पर और बच्चा उसकी ज़िद कर रहा हो माँ पयाज -टमाटर की चटनी बना कर ही दे दिया करती है बच्चो को।
पंकज कपूर पिता पुत्र शाहिद कपूर के बारे में क्या कहना है ?
वह दोनों पिता एवं पुत्र सेट्स पर केवल अभिनेता की तरह ही काम करते हैं। रिश्ते को बीच में नहीं लाते है। दोनों की तुलना करना गलत होगा। वह अलग अलग है जिसे सेब (एपल) और संतरे (ओरेंज) पंकज कपूर सूक्ष्म है तो शाहिद नैचुरल।
सलमान को कब कास्ट करेंगे ? चिल्लर पार्टी में कैसा अनुभव रहा ?
सलमान जब फिल्म, “चिल्लर पार्टी” के साथ जुड़े तो दिल खोल के जुड़े एक बारी वह किसी भी चीज़ के साथ जुड़ते है तो उन्हें उसे अंजाम तक पहुँचाने की चाह रहती है। मेरे पास उनके लिए जब कोई दमदार स्क्रिप्ट होगी तभी उनके पास जाने की औकात होगी मुझ में। फ़िलहाल उनके लायक कुछ कहानी नहीं है मेरे पास। सलमान के साथ कौन काम नहीं करना चाहेगा ?
INTERVIEW!! “शाहरुख़ खान का डांस स्टाइल, आमिर खान का परफेक्शन और सलमान खान का देखने का स्टाइल और चलने का स्टाइल बहुत ही पसंद है मुझे – फैजल खान टीवी न्यूज़ताजा खबरफ़िल्मी इंटरव्यूबॉलीवुड अपडेटस12 OCT, 2015/lipika varma COMMENTS: 0
INTERVIEW!! “शाहरुख़ खान का डांस स्टाइल, आमिर खान का परफेक्शन और सलमान खान का देखने का स्टाइल और चलने का स्टाइल बहुत ही पसंद है मुझे – फैजल खान
12 OCT, 2015
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फैजल खान तीनों खानों के गुणों को अपने अंदर समा लेना चाहते है -हमारी संवाददाता लिपिका वर्मा से कुछ बातचीत की उन्होंने डांस की ट्रॉफी जीतने के बाद
फैजल खान सबसे छोटे प्रतियोगी रहे झलक दिखला जा रीलोडिड के और क्या बात है -वह इस डांस की ट्रॉफी जीत कर अपने हाथो में उड़ा ले गए। शमिता शेट्टी मोहित मलिक एवं सनाया को ठेंगा दिखाकर इस छोटे प्रतियोगी ने यह जता दिया कि कुछ भी हो सकता है।
आप को इस ट्रॉफी के जीतने का अहसास था ?
जी नहीं। मैंने सिर्फ जी जान से नाच में रूचि रखी और जी जान से बहुत मेहनत भी की है। सारा क्रेडिट मेरी कोरियोग्राफर वैष्णवी को जाता है जिसने मुझ से इतनी ढ़ेर सारी मेहनत करवाई। महाराणा प्रताप शो करने के बाद कुछ गैप भी आ गया था डांस में तो पहले पहले मुझे कुछ कठिनाई भी हुई किन्तु सब अच्छा होता चला गया है।
जीत के पैसों से क्या करोगे?
मैंने सब पैसे अपने माँ पिताजी के हवाले कर दिए हैं। दुनिया बहुत बड़ी है और मुझे इसका इतना ज्ञान नहीं है अभी। सब से पहले तो शायद हम कोई अच्छा सा घर बुक करेंगे इन पैसों से ।
खानों की कौन सी क्वालिटी आप को प्रभावित करती है ?
शाहरुख़ खान का डांस स्टाइल, आमिर खान का परफेक्शन और सलमान खान का देखने का स्टाइल और चलने का स्टाइल बहुत ही पसंद है मुझे। तीनों के यह गुण मुझ में हो तो मुझे बहुत ही अच्छा लगेगा। खैर मेहनत का फल तो मिला है मुझे और इसी मेहनत की वजह से आज ट्रॉफी भी जीती है, दूसरी बारी रियेलिटी शो जीता हूं, आशा है आगे भी अल्लाह अच्छा ही करने की बुद्धि देंगे।
जीतना या फिर भाग लेना क्या महत्वपूर्ण है आपके लिए?
भाग नहीं लूंगा तो जीतूँगा कैसे ? सो भाग लेना फिर जीतना यही मन्त्र होना चाहिए हर प्रतियोगी का।
अपने हम उम्र बच्चों को क्या मैसेज देना चाहेंगे ?
बस यही कि आप अपनी पढ़ाई भी पूरी कीजिये और अपने माता पिता की सेवा करना अनिवार्य होता है साथ ही सब बड़ों का आदर कीजिये। जो कुछ चाहते हो उसे जी जान से मन लगा कर कीजिये। सफलता आप के कदम जरूर चूमेगी।
आपके फ्यूचर प्लान्स क्या है ?
मुझे नहीं लगता छोटे परदे पर काम करना कोई छोटा काम है, दोनों छोटा पर्दा और बड़े पर्दे पर काम मिले, मेरे लिए काम मिलना आवश्यक है। फिर चाहे जो भी काम हो टेलीविज़न का या फिल्मो का मैं कुछ भी करने के लिए तैयार हूं।
Monday, 12 October 2015
INTERVIEW!! “आज की पीढ़ी जो बहुत ही शक्तिशाली है उनके साथ काम करके उनकी एनर्जी को अपने अंदर लेने की चेष्टा करता हूं।” – अमिताभ बच्चन ताजा खबरफ़िल्मी इंटरव्यूबॉलीवुड अपडेटस12 OCT, 2015/lipika varma COMMENTS: 0
INTERVIEW!! “आज की पीढ़ी जो बहुत ही शक्तिशाली है उनके साथ काम करके उनकी एनर्जी को अपने अंदर लेने की चेष्टा करता हूं।” – अमिताभ बच्चन
12 OCT, 2015
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लिपिका वर्मा
बॉलीवुड मेगास्टार श्री अमिताभ बच्चन ने मीडिया के साथ अपना 73वां जन्मदिन ढ़ेर सारी बातें करके मनाया जुहू में स्थित उनकी तीनों कोठियों पर मीडिया और फैंस का जमावड़ा सुबह से ही लाइन अप हो रहा था। बाकायदा समय निकाल कर वह अपने फैंस को एवं मीडिया को मिलने बाहर आये –
पेश है कुछ अंश मीडिया के साथ सवाल जवाब का –
बॉलीवुड मेगास्टार श्री अमिताभ बच्चन ने मीडिया के साथ अपना 73वां जन्मदिन ढ़ेर सारी बातें करके मनाया जुहू में स्थित उनकी तीनों कोठियों पर मीडिया और फैंस का जमावड़ा सुबह से ही लाइन अप हो रहा था। बाकायदा समय निकाल कर वह अपने फैंस को एवं मीडिया को मिलने बाहर आये –
पेश है कुछ अंश मीडिया के साथ सवाल जवाब का –
कभी पुरे बच्चन परिवार के साथ दिखाई देंगे अमितजी?
ऐश्वर्या राय बच्चन, जया और अभिषेक एवं स्वयं अमितजी को यदि कोई अच्छी स्क्रिप्ट मिले तो वह अपने परिवार के सदस्य के साथ काम करना चाहेंगे” यह उन्होंने इच्छा जाहिर की अपने जन्मदिन पर।
मैं हूं डॉन के गाने पर अमितजी ने बहुत ही स्टाइल में एंट्री मारी
बड़प्पन तो जैसे अमितजी में कूट कूट कर भरा हो, गिफ्ट्स के बारे में उन्होंने कहा, ” सामग्री के तौर पर जो गिफ्ट्स मिलते हैं उन्हें प्यार से स्वीकार लेता हूं, किन्तु परिवार के और अपने फैंस के प्यार को इन सब चीज़ों से ऊपर मानता हूं। बचपन में जब भी कोई आया करता तो पहले पूछ लेता, “क्या गिफ्ट लाये हो भैया ? पर उम्र के इस पड़ाव पर लोगों का प्यार मिलता है यह मेरा सौभाग्य है। कुछ सालों पहले तक मैं अपना जन्मदिन काम में व्यस्त रहकर ही बिताता था। किन्तु अब परिवार इसकी इजाजत नहीं देता है। क्योंकि तब मैं रात को लौटता और बहुत देर हो जाती थी। मेरा परिवार मेरा इन्तजार किया करता और आज कुछ खास नहीं किया है बस सुबह से फैंस का और मिलने जुलने वालों का अभिनंदन कर रहा हूं।
अपने आप को बड़े विशेषणों से ना जुड़ते हुए बड़ी सरलता से जवाब दिया – मैं अपने आप को इन विशेषणों के काबिल नहीं समझता हूं। हर दिन मुझे कुछ ना कुछ सीखने को मिलता है। अपनी कमजोरियों को भी सही करने की कोशिश करता हूं। आज की पीढ़ी जो बहुत ही शक्तिशाली है उनके साथ काम करके उनकी एनर्जी को अपने अंदर लेने की चेष्टा करता हूं।
अपने आप को बड़े विशेषणों से ना जुड़ते हुए बड़ी सरलता से जवाब दिया – मैं अपने आप को इन विशेषणों के काबिल नहीं समझता हूं। हर दिन मुझे कुछ ना कुछ सीखने को मिलता है। अपनी कमजोरियों को भी सही करने की कोशिश करता हूं। आज की पीढ़ी जो बहुत ही शक्तिशाली है उनके साथ काम करके उनकी एनर्जी को अपने अंदर लेने की चेष्टा करता हूं।
अपनी बायोपिक के बारे में अमिताभ ने यह साफ किया, ” मेरी बायोपिक एक आपदा होगी इस में कुछ बनाने लायक नहीं है। किन्तु मेरे पिताजी-हरिवंशराय बच्चन की बायोपिक अगर कोई बनाना चाहे तो मै उन्हें नहीं रोक सकता।
संगीत के उपकरणों को सीखने के लिए आज भी लालायित है बच्चन जी, संगीत का आत्मा से और परमात्मा से जुड़ाव होता है और संगीत मुझे बहुत पसंद है। संगीत के उपकरण पिआनो, हारमोनियम, सरोद एवं डमरु वगैरह आज भी मुझे लुभान्वित करते हैं और मेरे घर पर आज भी रखे हुए हैं। चाहता हूं इन्हे कभी फुर्सत के पलों में सीखुं।
संगीत के उपकरणों को सीखने के लिए आज भी लालायित है बच्चन जी, संगीत का आत्मा से और परमात्मा से जुड़ाव होता है और संगीत मुझे बहुत पसंद है। संगीत के उपकरण पिआनो, हारमोनियम, सरोद एवं डमरु वगैरह आज भी मुझे लुभान्वित करते हैं और मेरे घर पर आज भी रखे हुए हैं। चाहता हूं इन्हे कभी फुर्सत के पलों में सीखुं।
तीनों खान -सलमान, शाहरुख़ एवं आमिर खान जो की जल्द 50 वर्ष के होने वाले है, उन्हें बधाई देते हुए कहा – हमारे सवाल पर उन्होंने कहा वह बेहतरीन काम कर रहे हैं। बहुत सारे लोगों को वह एंटरटेन करते आये हैं और साथ ही प्रेरणास्त्रोत है कई ढ़ेर सारे लोगों के। मैं चाहता हूं की अगले १०० वर्षों तक भी वह लोगों के प्रेरणास्त्रोत रहे और युं ही उन्हें खुश करते रहे। मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं।
बॉलीवुड एवं हॉलीवुड की तुलना के बारे में पूछने पर थोड़ा सा ज्ञान दिया, “अपने आप की तुलना किसी दूसरी इंडस्ट्री से करना स्वाभाविक है। हालांकि जो कुछ भी वेस्ट करता है फिल्मों द्वारा उसके हम प्रशंसक है किन्तु इसके साथ साथ हम अपनी फिल्म इंडस्ट्री को लेकर गौरवान्वित महसूस करते हैं। टेक्नीकल तौर से अब हमारी फिल्मे भी बेहतर हो चली हैं। टैलेंट की कमी तो वैसे भी भारत में नहीं है। टैलेंट की उपाधि हमारे अभिनेताओं में भरी हुई है। टेक्नीकली और टैलेंट भी हमारे यहां विशाल है। अब वेस्ट वाले इस बात को समझने लगे है। ”
एक समय ऐसा भी था जब हॉलीवुड की फिल्में बनाने वाले हमारी फिल्मों को कुछ नीचे स्तर पर तोलते थे। वह हमारी फिल्मों को बेहतरीन नहीं समझते हमारे यहाँ गाने और नाच को एहमियत दिया जाता है। इसलिए क्योंकि दर्शक एंटरटेन होने आता है और हमारे दर्शकों के हिसाब से फिल्में बनाई जाती है। हमारी फिल्में किन हालत में बनाई जाती रही पहले उन्हें इसका जरा भी अनुमान नहीं है। हमारी फिल्में एक आम आदमी जो ऐ सी में बैठ कर फिल्म देखने आता है उसके लिए बनाई जाती है। दिनभर के काम की थकान को मिटाने आता है हमारा आम आदमी, जो कुछ उन्हें चाहिए होता है वह हमारी फिल्में पेश करती आई है। खुश होकर वापस जाना चाहता है हर कोई जब थिएटर से बाहर निकले। अपनी रोजमर्रा की ज़िंदगी नहीं देखना चाहता है पर्दे पर कोई भी। यही सब वह लोग नहीं समझ पाये। उनकी अर्थव्यवस्था हमसे कहीं बेहतर है। खैर उन्हें हमारी इन परिस्तिथियों को समझना चाहिए।
Sunday, 11 October 2015
Tuesday, 6 October 2015
INTERVIEW!! “हर कर्तव्य प्रतिबद्ध रहकर एक विद्यार्थी की तरह ही निभा पाऊं” -ऐश्वर्या राय बच्चन ताजा खबरफ़िल्मी इंटरव्यूबॉलीवुड अपडेटस/lipika varma6 OCT, 2015 COMMENTS: 0
INTERVIEW!! “हर कर्तव्य प्रतिबद्ध रहकर एक विद्यार्थी की तरह ही निभा पाऊं” -ऐश्वर्या राय बच्चन
6 OCT, 2015
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ऐश्वर्या राय बच्चन फिल्म जज़्बा में नजर आने वाली हैं बतौर एक माँ और वकील यह किरदार उनके लिए बहुत अहम है क्योंकि इस किरदार से रियल लाइफ में माँ बनने के बाद वह रील लाइफ पर दोबारा अपने दर्शकों को लुभाने आ रही हैं और उन लोगों को भी यह दिखाना चाहती हैं कि आम जीवन में हर माँ जिस तरह से अपना पेशा और परिवार संभालते हुए आगे बढ़ती हैं उसी तरह ऐश भी जिम्मेदारियों एवं पेशे की प्रतिबद्धता दोनों ही को लेकर रियेलिटी में और रील पर सफलतापूर्वक अपनी सारी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हुए चल रही हैं –
हमारी संवाददाता लिपिका वर्मा के ढ़ेर सारे सवालों का जवाब दिया ऐश ने –
अपने फिल्मी सफर के शुरुआती दौर के बारे में कुछ बताएं ?
मेरा फिल्मी सफर अपने आप में अद्वितीय है, दरअसल यह कुछ और तरह से भी हो सकता था, किन्तु जो भी हुआ उससे मुझे कोई भी गिला या शिकवा नहीं है। मिस वर्ल्ड बनने के बाद मेरे फिल्मी सफर की अद्वितीय शुरुआत हुई है। हालाँकि मेरी शुरआत कुछ और अलग हो सकती थी किन्तु जो हुआ जैसा हुआ बढ़िया हुआ। मिस वर्ल्ड बनने के बाद मुझे काफी सारे प्रस्ताव मिले और उन्हीं की वजह से मेरा फिल्मी सफर आगे बढ़ता चला गया। मैंने हमेशा से अच्छी फिल्में ही चुनी है और उसी मुताबिक काम भी करने की कोशिश करती रही हूं। हर एक्टर अच्छी फिल्में ही करना चाहता है पर यदि कभी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं होती है तो उसके कई कारण होते हैं। मैंने कोई भी फीमेल लीड पैकेजिंग कभी नहीं की है जिससे अपना फिल्मी सफर सुरक्षित कर सकूं। पर हाँ- यह जरूर है कि, जो कुछ भी मुझे मिला बस उन्ही सबमें से अच्छा चुन कर काम करती चली गयी। दरअसल फिल्मकारों, दर्शकों और अपने फैंस की मैं बहुत ही शुक्रगुजार हूं I जिन्होंने मेरी फिल्मों के चुनाव को हमेशा से सपोर्ट किया है और बदले में मैं उनकी उम्मीदों पर हमेशा से खरी उतरने की कोशिश करती रहती हूं। बतौर अभिनेत्री मैंने कभी यह नहीं सोचा की मुझे ऐसा करना था – बस एक फ्री आर्टिस्ट की तरह आगे ही बढ़ती रही हूं। मेरी फिल्मी यात्रा कुछ अलग ढंग से भी हो सकती थी किन्तु इसका यह मतलब नहीं है कि – मैं अपने फिल्मी सफर से खुश नहीं हूं ? जो कुछ भी फिल्में करी उनसे मैं बहुत ही संतुष्ट हूं। अपने चरित्रचित्रण द्वारा अपने फैंस का मनोरंजन कर पाती हूं, यह मेरे लिए एक महत्वपूर्ण बात है।
जज़्बा फिल्म चुनने के पीछे क्या वजह रही ?
इस फिल्म का विषय मेरे दिल के बहुत करीब है और बहुत ही स्ट्रांग विषय है एवं अद्वितीय चरित्र है जो मैं निभा रही हूं। यह किरदार उत्तेजना पैदा करता है और मेरे लिए इस किरदार को निभाना चुनौतीपूर्ण रहा है। यह नई किस्म की रोमांचक कहानी मेरे लिए ही थी। हंस कर बोली ऐश
फिल्म के प्रोमोज में स्टंट करती हुई नजर आई, बहुत मेहनत करनी पड़ी होगी ?
मेहनत नहीं करनी पड़ी। समय ही नहीं था। जो कुछ योग वगैरह करती हूं उस बलबूते पर सेट्स पर जो दिया गया उसे निभा पायी -बस यही कहना चाहूंगी शरीर ने इज्जत रख ली !!” हंस कर बोली ऐश
आप हॉलीवुड में भी एक जानी -मानी हस्ती है और हमारे भारत देश को गौरवान्वित करती है ,क्या कहना है ?
मुझे नहीं पता कौन सा,”वूड” किन्तु मेरे दर्शक, फिल्ममेकर्स और मेरे फैंस सब मेरे कठोर परिश्रम की सराहना करते हैं सो मैं उनकी शुक्रगुजार हूंI मैं एक विद्यार्थी की तरह अपना काम करते हुए आगे बढ़ती हूं और यही चाहती हूं कि मैं हमेशा से इसी तरह काम करती रहूं। हर काम प्रतिबद्ध रहकर ही करती हूं। हमेशा यही कोशिश करती हूं कि जब भी मुझे मौका मिले मैं अपने कर्तव्यों को एक विद्यार्थी की तरह ही निभा पाऊं।
जज्बा से पहले ब्रेक पर रहीं आप, क्या कहना है इस बारे में?
दरअसल आप यह तय नही कर पाते कि कब आप ब्रेक पर जायें ? और कब वापसी करने के लिए तैयार हैं इस पर भी तय कर पाना मुश्किल होता है ? मेरे लिए हमेशा से वह एक सही समय होना चाहिए। क्यूंकि मैं उसी तरह का व्यक्तित्व रखती हूं सही समय पर ही सही चीज़ करना चाहती हूं। जिस काम से प्रतिबद्ध होती हूं उसे हर हाल में निभाना होता है फिर चाहे वह रियेलिटी से जुड़े हुए काम हो या पेशे से। मैं हमेशा से ही एक मल्टी काम करने वाली महिला रही हूं सो सीधी सी बात है मुझे दोनों अपने रियेलिटी एवं पेशे में अच्छा खासा बैलेंस रख कर निभाना होता है।
इस विषय पर कुछ और जोड़ते हुए ऐश बोली,” फिल्मों में काम करने के साथ साथ मैंने अपने ब्रांडिंग प्रतिबद्धता को भी निभाया है। यह पेशा अभिनेताओं के लिए एक सामानांतर पेशा होता है जो हमे काफी व्यस्त भी रखता है। ब्रांड एंबेसेडर भी हूं मैं, उसके लिए भी समय निकालना होता है लेकिन इस बीच जब में एक ऐतिहासिक फिल्म, “जोधा अकबर” कर रही थी उसी के दौरान मेरी शादी भी हो गई। बस फिर अपनी नई प्रतिबद्धता बतौर पत्नी एवं बहु के रिश्तों को भी निभाना अवश्य था और इसी दौरान मैं गर्भवती भी हो गयी। फिर तो हमें यह भी एहसास नहीं होता है कि ६ महीने किस तरह गुजर गए जब कि हमेशा हम सोचते हैं अब यह करेंगे वगैरह वगैरह अपना जीवन कुछ प्लान ही कर रही थी कि अराध्या मेरी गोद में आ गयी। यह नई रियेलिटी में भगवान की शुक्रगुजार हूं, अब मैं अपना मातृत्व बखूबी निभा रही हूं और इसे एन्जॉय भी कर रही हूं।
बतौर माँ होने के नाते वकील का किरदार और अच्छी तरह से – भाव प्रकट (ईमोट) कर पाई होंगी आप ?
मेरा ऐसा मानना है – बतौर अभिनेता हमे कोई भी रोल अच्छी तरह ही निभाना होता है। हमारी फिल्मों में रिश्ते महत्वपूर्ण होते हैं। हम पत्नी, माँ या फिर एक टीचर इत्यादि का रोल निभाते हैं। सो काम बेहतर ही होना चाहिए और भावनायें भी एक अभिनेता में हमेशा से ही होनी चाहिए। अपने पात्र को सरलता और स्वाभाविक रूप से कनेक्ट कर पाना हमारी जिम्मेदारी होती है।
महिला उन्मुख किरदार है जज्बा, आप महिला उन्मुख – रोल्स करना चाहेंगी ?
कोई भी किरदार जो वीमेन कनेक्ट हो मुझे करने मिले तो अच्छी बात है। किन्तु जब तक हम फिल्मों की पूरक रूप से चर्चा करते रहेंगे तो-मेरा ऐसा मानना है कि हमें और कुछ विकसित होना पड़ेगा। फिल्मों को वीमेन ओरिएंटेड, या फिर वीमेन एम्पावरमेंट वाली फिल्में कह कर सम्बोधित करना उचित नहीं होगा और यदि हम ऐसा करते हैं तो हमे और एक लम्बा रास्ता तय करना है।
INTERVIEW!! “जो कुछ आज मैं भोग रहा हूं वह मेरे अपने कर्मों का फल है” सलमान ताजा खबरफ़िल्मी इंटरव्यूबॉलीवुड अपडेटस6 OCT, 2015 COMMENTS: 0
INTERVIEW!! “जो कुछ आज मैं भोग रहा हूं वह मेरे अपने कर्मों का फल है” सलमान
6 OCT, 2015
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“प्रेम रतन धन पायो” राजश्री प्रोडक्शन के तले बन रही फिल्म है। इसके पहले ट्रेलर लांच ने तो जैसे धूम ही मचा दी हो ? पहले दिन ही 24 घंटो में लगभग 5 मिलियन क्लिक्स मिल गए हैं। सलमान के इस अनूठे पोस्टर को।
पेश है लिपिका वर्मा की नजर से
गौरतलब बात यह है कि सलमान और सूरज बड़जात्या की जोड़ी इस फिल्म से धुआंधार वापसी कर रही है – सूरज ने कहा, ” मेरी 27 साल पहले एक,”बीइंग ह्यूमन” शख्स से भेंट हुई थी उसे स्टेज पर बुलाने से पहले यह बताना चाहूंगा -कि आज भी वह शख्स बहुत ही विनम्र है और मानवता प्रेमी है। इस शख्सियत को बुलाने से पहले मैं यह बता दूं – कि इस फिल्म में उन्होंने अपनी दुगनी एनर्जी लगाई है और वह काबिलेतारीफ है। वह कोई और नहीं हमारे अपने प्रेम -सलमान खान ही है। 16 साल बाद भी मेरे लिए मेरा पहला प्रेम ही है। ”
सलमान ने स्टेज पर पधारते ही कहा, ” मैं जिस प्रेम को परदे पर साक्षात कर रहा हूं वह कोई और नहीं है किन्तु हमारे -सूरज बड़जात्या ही है रियल में। जब कभी उन्होंने मुझे प्रेम नाम से डायरेक्ट किया है तब तब मैं सबसे बेहतरीन प्रेम का किरदार निभा पाया हूं। आप उनके रूप को मुझ में देखते है नाकि मुझे उन में!! तो साफ बात है जो कुछ भी आप स्क्रीन पर प्रेम में देखते हो वह पूरा का पूरा सूरज ही होता है। आज तक कभी उन्होंने किसी को तेज आवाज़ में सम्बोधित नहीं किया होगा। उनकी डांट फूल जैसी नम्र ही होती है। ”
हँसते हुए सलमान ने कहा, ” प्रेम का किरदार करना मैंने इतना मिस किया की मुझे अनीस बज़्मी की फिल्म,”रेडी” करनी पड़ी। अनीस बज़्मी इनके जैसी फिल्म बनाना चाहते थे किन्तु अनीस की कॉमेडी बन गयी “रेडी”।
जब उनसे पुछा गया की यह फिल्म करते समय किन दिक्कतों का सामना करना पड़ा तो अपने हिट और रन केस जो प्रेम रतन धन पायो फिल्माने के समय वापस चल रहा था उसे लेकर सलमान ने कहा “मैं हमेशा से दिक्कतों को झेलते हुए ही आगे बढ़ता हूं। जितनी प्रोब्लम्स झेलता हूं उस वक़्त शूटिंग के दौरान तब मेरा परफॉर्मेंस और बेहतर होता है। जो कुछ आज मैं भोग रहा हूं वह मेरे अपने कर्मों का फल है। ”
सोनम ने सलमान के पोस्टर की तारीफ में कहा, ” ऐसा पोस्टर पहली बारी देखने को मिल रहा है और सलमान ही पहली बारी इस स्टाइल को पेश कर रहे हैं। ”
कुछ सोच कर और सोनम बोली, ” मुझे याद है जब मैं केवल 14 साल की थी और सलमान से मिलने की बेहद चाह थी तब पिताजी को रिक्वेस्ट करके उनके साथ गयी। पहली बारी सलमान ने जब मुझे देखा तो कहा यह क्या कपडे पहने हैं ? जाओ इन्हें बदल कर के आओ। सलमान को इम्प्रेस करने के लिए अच्छी तरह से तैयार हो कर गई थी। हमेशा से सलमान के साथ काम करूँ यह मेरा सपना रहा है। अपने सपने को साकार होता देख कर बहुत खुशी हो रही है।”
प्रेम रतन धन पायो -दिवाली पर रिलीज होने वाली है सो जाहिर सी बात है जनता बेहद उत्सुक है और बेसब्री से इंतजार कर रही है अपने चहेते निर्देशक सूरज एवं सलमान की जोड़ी को देखने के लिए जो इस फिल्म से एक अर्से बाद फिर से वापसी कर रही हैं।
Monday, 5 October 2015
Saturday, 3 October 2015
मैं रोमांटिक किरदार मृत्यु शय्या पर से भी उठ कर निभाने को तैयार रहूँगा !!”इरफ़ान खान MAINएंटरटेनमेंटफ़िल्मी इंटरव्यू1 OCT, 2015/lipika varma COMMENTS: 0
मैं रोमांटिक किरदार मृत्यु शय्या पर से भी उठ कर निभाने को तैयार रहूँगा !!”इरफ़ान खान
1 OCT, 2015
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इरफ़ान खान जो इंटेंस अभिनय के लिए जाने जाते हैं अपनी फिल्म,”तलवार” में एक अन्वेषक के किरदार में नजर आने वाले हैं। हमारी संवाददाता लिपिका वर्मा के ढेर सारे सवालों के जवाब में उन्होंने दिल को छू देने वाली बातें भी कर डाली –
फिल्म तलवार में अपने किरदार के लिए क्या कुछ तैयारी करनी पड़ी आपको ?
मैंने असल लोगों से बातचीत भी की और जो कुछ स्क्रिप्ट में लिखा था उसका बहुत ही सटीक तरह से अनुसरण किया मैंने। कई मर्तबा जब हमे कुछ भर्म हुआ करता किसी लाइन को लेकर, या फिर संवाद में तो हम उसे निर्देशक से सलाह मशवरा करके तब आगे बढ़ते। दरअसल यह कोई फिक्शन [उपन्यास ]पर आधारित कहानी नहीं है, रियल कहानी है तो हमे बहुत ही देख सोच कर काम करना था।
फिल्म तलवार में अपने किरदार के लिए क्या कुछ तैयारी करनी पड़ी आपको ?
मैंने असल लोगों से बातचीत भी की और जो कुछ स्क्रिप्ट में लिखा था उसका बहुत ही सटीक तरह से अनुसरण किया मैंने। कई मर्तबा जब हमे कुछ भर्म हुआ करता किसी लाइन को लेकर, या फिर संवाद में तो हम उसे निर्देशक से सलाह मशवरा करके तब आगे बढ़ते। दरअसल यह कोई फिक्शन [उपन्यास ]पर आधारित कहानी नहीं है, रियल कहानी है तो हमे बहुत ही देख सोच कर काम करना था।
निर्देशक मेघना गुलज़ार के बारे में क्या कहना है आपका ? किस तरह से इस फिल्म को हैंडल किया है उन्होंने ?
मुझे बहुत ताज्जुब हुआ कि मेघना ने बहुत ही अच्छी तरह से इस भावुक लेख को पर्दे पर पेश किया है। वह बिल्कुल भी आंशिक नहीं रही सबजेक्ट को लेकर। मैं क्या कहूँ गुलज़ार साहब ने तो कह ही दिया है कि मेघना ने मेरी फिल्मों से बेहतर फिल्म बनाई हैं।
आप टेलीविज़न शो वापस करना चाहेंगे ? किस तरह के शो आप को आकर्षित करते हैं ?
मुझे जो शो आकर्षित करते हैं उस के लिए अभी हमारी ऑडियंस तैयार नहीं है। खैर मुझे, “फार्गो”, डिटेक्टिव हाउस ऑफ़ कार्ड्स एवं “ब्रेकिंग बेड्स” शोज बहुत अच्छे लगते हैं। यदि कभी ऐसे कोई शोज हमारे देश में बनाये जाएँ तो मैं उस का हिस्सा जरूर बनना चाहूँगा ।
मुझे बहुत ताज्जुब हुआ कि मेघना ने बहुत ही अच्छी तरह से इस भावुक लेख को पर्दे पर पेश किया है। वह बिल्कुल भी आंशिक नहीं रही सबजेक्ट को लेकर। मैं क्या कहूँ गुलज़ार साहब ने तो कह ही दिया है कि मेघना ने मेरी फिल्मों से बेहतर फिल्म बनाई हैं।
आप टेलीविज़न शो वापस करना चाहेंगे ? किस तरह के शो आप को आकर्षित करते हैं ?
मुझे जो शो आकर्षित करते हैं उस के लिए अभी हमारी ऑडियंस तैयार नहीं है। खैर मुझे, “फार्गो”, डिटेक्टिव हाउस ऑफ़ कार्ड्स एवं “ब्रेकिंग बेड्स” शोज बहुत अच्छे लगते हैं। यदि कभी ऐसे कोई शोज हमारे देश में बनाये जाएँ तो मैं उस का हिस्सा जरूर बनना चाहूँगा ।

आप भी एक पिता हैं क्या कहना है पेरेंट्स के बारे में ? अपने परिवार को समय दे पाते है क्या आप?
हर तरह के पेरेंट्स होते है इस दुनिया में। क़िन्तु अमूमन हर पैरेंट अपने बच्चे की बेहतरी ही चाहते है। मुझे बड़ा बुरा लगता है जब मेरे बच्चे मुझे मैसेज करते है और मुझे मिस भी करने की शिकायत करते है। कभी कभी तो मैं रो पडता हूं। खैर जब भी मैं अपने बच्चों के लिए समय निकलता हूं तो यह कोशिश करता हूं कि मेरी ब्रेक उनकी छुट्टियों से मेल खाए ताकि हम कही छुट्टियों पर एक साथ जा सके।
आप एक इंटेंस एक्टर है आप ने ए आई बी शो किस तरह कर लिया ?
हंस कर बोले यह तो आपका नजरिया है। मैं कोई इंटेंस अभिनेता नहीं हू। पर यह एक व्यंगात्मक शो था और जब मैंने इसकी पहली चार लाइन सुनी तो मुझे बहुत अच्छा लगा और मैंने इस शो को करने के लिए अपनी जिज्ञासा तुरंत जताई। इस शो में हम व्यंग्य किसी व्यक्ति विशेष को लेकर नहीं कर रहे है। यह तो कुछ गानों पर आधारित एक बेहतरीन शो है। मेरा भी मजाक बनाया है लोगो ने, व्यंगात्मक शो में अगर किसी को बुरा लगे तो लगे। इसका एक फॉर्मेट होता है और उसी के आधार पर हमें आगे चलना होता है।

आपकी एक्टिंग पहुंच [एप्रोच] को एक लाइन में किस तरह शब्दों में पिरो सकते हैं आप ?
साधारण गहरी सांस लेते हुए कुछ पेश कर जाना!
आपकी पसंदीदा अभिनय शैली कौन सी होगी ?
मैं कभी भी रोमांटिक किरदार करने के लिए तत्पर हूं। अपनी मृत्यु शय्या से भी उठ कर रोमांटिक किरदार करने के लिए तैयार हो जाऊंगा !!
मैं कभी भी रोमांटिक किरदार करने के लिए तत्पर हूं। अपनी मृत्यु शय्या से भी उठ कर रोमांटिक किरदार करने के लिए तैयार हो जाऊंगा !!
Friday, 2 October 2015
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