सभी खान के साथ काम करना चाहती हूं- अक्षरा हासन
Posted On : Friday 6/02/2015
मुंबई। कमल हासन और सारिका की दूसरी बेटी अक्षरा हासन फिल्म 'शमिताभ' से अपने फिल्मी करियर का आगाज कर रही हैं। और बाल्की की इस फिल्म में महानायक अमिताभ बच्चन और अभिनेता धनुष भी हैं। जाहिर है अक्षरा जैसे न्यू कमर के लिए यह एक बड़ा ब्रेक है। अक्षरा ने अभिनय की शुरुआत करने के पहले स्मिता ठाकरे की फिल्म 'सोसाइटी' में असिस्टेंट डायरेक्टर का काम किया, लेकिन यह फिल्म रिलीज नहीं हो पायी। फिलहाल जबरदस्त शुरुआत से अक्षरा के हौसले बुलंद हैं। अक्षरा ने एक मुलाकात में लिपिका वर्मा के सवालों का बेबाकी से जवाब दिया।
> शमिताभ' जैसी बड़ी फिल्म से बॉलीवुड में आपकी शुरुआत हो रही है, कैसा लग रहा है?
यह मेरी किस्मत है कि मैं फिल्म 'शमिताभ' का हिस्सा हूं। बहुत ही प्राउड फील कर रही हूं। बाल्की सर एवं अमिताभ बच्चन के साथ काम करने का एहसास बहुत ही अनूठा रहा। इन दोनों महान शख्सियतों के साथ काम करने का तजुर्बा काफी रोचक रहा। मैं बाल्की सर की बहुत शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मुझे इस किरदार के लिए चुना। यह शुरुआत मेरे जीवन का एक अद्भुत अनुभव रही, जिसे मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकती।
यह मेरी किस्मत है कि मैं फिल्म 'शमिताभ' का हिस्सा हूं। बहुत ही प्राउड फील कर रही हूं। बाल्की सर एवं अमिताभ बच्चन के साथ काम करने का एहसास बहुत ही अनूठा रहा। इन दोनों महान शख्सियतों के साथ काम करने का तजुर्बा काफी रोचक रहा। मैं बाल्की सर की बहुत शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मुझे इस किरदार के लिए चुना। यह शुरुआत मेरे जीवन का एक अद्भुत अनुभव रही, जिसे मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकती।
> अपने माता-पिता से क्या कुछ सीखा है आपने?
बच्चों को अपने माता-पिता से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। मैंने अपने माता-पिता की ढेर सारी विशेषताएं अपने आप में पायी हैं। मेरी मम्मी (सारिका) बहुत ही खूबसूरत हैं। उनमें सहनशीलता बहुत ज्यादा है। मेरे हिसाब से मेरे माता-पिता दोनों बहुत ही गंभीर विचारों के हैं। शायद यही वजह है कि आज उन्हें पूरी दुनिया जानती है और मुझे गर्व है कि मैं उनकी बेटी हूं।
बच्चों को अपने माता-पिता से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। मैंने अपने माता-पिता की ढेर सारी विशेषताएं अपने आप में पायी हैं। मेरी मम्मी (सारिका) बहुत ही खूबसूरत हैं। उनमें सहनशीलता बहुत ज्यादा है। मेरे हिसाब से मेरे माता-पिता दोनों बहुत ही गंभीर विचारों के हैं। शायद यही वजह है कि आज उन्हें पूरी दुनिया जानती है और मुझे गर्व है कि मैं उनकी बेटी हूं।
> रियल लाइफ में आप कितनी गंभीर हैं?
मैं अपने पिताजी की ही तरह बहुत कम बात करना पसंद करती हूं। दरअसल मैं अलग-अलग लोगों की हरकतें देखकर बहुत कुछ सोचने-विचारने लगती हूं। और इन सबसे मुझे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। जो आगे चलकर मुझे बहुत काम भी आता है। हां, मुझे नये-नये लोगों से मिलना पसंद है। क्योंकि मुझे पर्सनली ऐसा लगता है कि लोगों से मिलना हमें लाइफ में कुछ न कुछ सिखा जाता है।
मैं अपने पिताजी की ही तरह बहुत कम बात करना पसंद करती हूं। दरअसल मैं अलग-अलग लोगों की हरकतें देखकर बहुत कुछ सोचने-विचारने लगती हूं। और इन सबसे मुझे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। जो आगे चलकर मुझे बहुत काम भी आता है। हां, मुझे नये-नये लोगों से मिलना पसंद है। क्योंकि मुझे पर्सनली ऐसा लगता है कि लोगों से मिलना हमें लाइफ में कुछ न कुछ सिखा जाता है।
> अपने पापा कमल हासन से काम के बारे में सलाह लेती हैं?
हां, कभी-कभी मैं फोन पर उनसे अपने काम के सिलसिले में कोई न कोई टिप्स ले लेती हूं। मैं अपनी मम्मी के साथ रहती हूं और मेरी बहन अकेले रहती है। मैं अपने परिवार की लाडली बिटिया हूं। सो मेरा पूरा परिवार मेरा खास खयाल रखता है। समय-समय पर मेरे पापा मुझे कोई न कोई सलाह-मशवरा दे ही देते हैं।
हां, कभी-कभी मैं फोन पर उनसे अपने काम के सिलसिले में कोई न कोई टिप्स ले लेती हूं। मैं अपनी मम्मी के साथ रहती हूं और मेरी बहन अकेले रहती है। मैं अपने परिवार की लाडली बिटिया हूं। सो मेरा पूरा परिवार मेरा खास खयाल रखता है। समय-समय पर मेरे पापा मुझे कोई न कोई सलाह-मशवरा दे ही देते हैं।
आपने निर्देशक मणिरत्नम का आॅफर ठुकराया?
उस समय मैं चीजों से बहुत अनजान थी, मैं दुनियादारी सीखना चाहती थी और फिल्म मेकिंग भी सीखना चाहती थी। उस वक़्त मैं डांस क्लासेज भी जाया करती थी। दरअसल मैं दिमागी तौर पर अपने आपको फिट महसूस नहीं कर रही थी। मुझे ऐसा लगा कि मैं अभिनय में अपना 100 प्रतिशत नहीं दे पाऊंगी, इसलिए मणिरत्नम सर का आॅफर काबूल नहीं किया।
उस समय मैं चीजों से बहुत अनजान थी, मैं दुनियादारी सीखना चाहती थी और फिल्म मेकिंग भी सीखना चाहती थी। उस वक़्त मैं डांस क्लासेज भी जाया करती थी। दरअसल मैं दिमागी तौर पर अपने आपको फिट महसूस नहीं कर रही थी। मुझे ऐसा लगा कि मैं अभिनय में अपना 100 प्रतिशत नहीं दे पाऊंगी, इसलिए मणिरत्नम सर का आॅफर काबूल नहीं किया।
शमिताभ' से अपने करियर की शुरुआत को कैसा मानती हैं?
दरअसल पहले ही दिन जब बाल्की सर ने मुझे मेरे किरदार के बारे में बताया और स्क्रिप्ट सुनायी, तो मुझे बहुत पसंद आया। मैंने तुरंत ही कहा कि सर मैं यह किरदार करना चाहती हूं। किंतु उन्होंने मुझे कहा कि आप एक दो दिन सोच-विचार कर फिर मुझे जवाब देना। मैंने अपनी मम्मी को भी स्क्रिप्ट सुनायी, तो उन्होंने कहा कि जिस तरह तुम मुझे पूरी कहानी बता रही हो, मुझे भी काफी अलग और अच्छी लग रही है। अगर तुम्हें लगता है कि तुम इस रोल के साथ न्याय कर पाओगी तो कर लो और मैंने झट से हां कर दी।
दरअसल पहले ही दिन जब बाल्की सर ने मुझे मेरे किरदार के बारे में बताया और स्क्रिप्ट सुनायी, तो मुझे बहुत पसंद आया। मैंने तुरंत ही कहा कि सर मैं यह किरदार करना चाहती हूं। किंतु उन्होंने मुझे कहा कि आप एक दो दिन सोच-विचार कर फिर मुझे जवाब देना। मैंने अपनी मम्मी को भी स्क्रिप्ट सुनायी, तो उन्होंने कहा कि जिस तरह तुम मुझे पूरी कहानी बता रही हो, मुझे भी काफी अलग और अच्छी लग रही है। अगर तुम्हें लगता है कि तुम इस रोल के साथ न्याय कर पाओगी तो कर लो और मैंने झट से हां कर दी।
> आप एक अच्छी अभिनेत्री बनेंगी,क्योंकि अभिनय आपके खून में है?
मेरा मानना है कि एक एक्टर को अभिनय ही नहीं, बल्कि फिल्म मेकिंग के हर क्षेत्र की भी जानकारी होनी चाहिए। इसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। हर फिल्मकार या कलाकार के बच्चे सफल अभिनेता या फिल्म मेकर नहीं बन सकते। मुझे नहीं पता कि मैं अभिनय में या डायरेक्शन में अच्छी हूं या नहीं, पर यह जरूर है कि मैंने अच्छा काम करने की कोशिश की है। मैंने काम करते-करते अपने गुणों को खोजा है और उन्हें मांझने की कोशिश की है।
मेरा मानना है कि एक एक्टर को अभिनय ही नहीं, बल्कि फिल्म मेकिंग के हर क्षेत्र की भी जानकारी होनी चाहिए। इसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। हर फिल्मकार या कलाकार के बच्चे सफल अभिनेता या फिल्म मेकर नहीं बन सकते। मुझे नहीं पता कि मैं अभिनय में या डायरेक्शन में अच्छी हूं या नहीं, पर यह जरूर है कि मैंने अच्छा काम करने की कोशिश की है। मैंने काम करते-करते अपने गुणों को खोजा है और उन्हें मांझने की कोशिश की है।
सुना है शाहरुख खान आपके चहेते अभिनेता हैं?
मैं सभी खानों के साथ काम करना चाहती हूं, लेकिन मेरे चहेते हीरो शाहरुख खान ही हैं। मुझे याद है कि एक कमर्शियल में मुझे उनका लुक बताना था। चूंकि उसमें मैं असिस्टेंट डायरेक्टर की हैसियत से काम कर रही थी। मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं। उनके सामने कैसे जाऊं। मैं कभी अपने पैरेंट्स के बारे नहीं बताती हूं। क्योंकि मैं अपना मुकाम खुद हासिल करना चाहती हूं। निर्देशक रवि ने जब शाहरुख खान को मेरे बारे में बताया, तो उन्होंने मेरी तारीफों के पुल बंधना शुरू कर दिया-कहने लगे कि तुम अपनी माताजी की तरह ही हो। बहरहाल मैं उनकी बहुत बड़ी फैन हूं। मेरी नजर में सबके सब खान बहुत ही ग्रेट हैं। मैं सबके साथ काम करना चाहूंगी। देखती हूं मेरी यह तमन्ना कब पूरी होती है।
मैं सभी खानों के साथ काम करना चाहती हूं, लेकिन मेरे चहेते हीरो शाहरुख खान ही हैं। मुझे याद है कि एक कमर्शियल में मुझे उनका लुक बताना था। चूंकि उसमें मैं असिस्टेंट डायरेक्टर की हैसियत से काम कर रही थी। मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं। उनके सामने कैसे जाऊं। मैं कभी अपने पैरेंट्स के बारे नहीं बताती हूं। क्योंकि मैं अपना मुकाम खुद हासिल करना चाहती हूं। निर्देशक रवि ने जब शाहरुख खान को मेरे बारे में बताया, तो उन्होंने मेरी तारीफों के पुल बंधना शुरू कर दिया-कहने लगे कि तुम अपनी माताजी की तरह ही हो। बहरहाल मैं उनकी बहुत बड़ी फैन हूं। मेरी नजर में सबके सब खान बहुत ही ग्रेट हैं। मैं सबके साथ काम करना चाहूंगी। देखती हूं मेरी यह तमन्ना कब पूरी होती है।
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