Thursday, 31 December 2015

INTERVIEW!! संजय लीला ने यदि और किसी के साथ काम किया तो मेरा “दिल टूट जायेगा – रणवीर सिंह/1.1.2016/lipika varma

INTERVIEW!! संजय लीला ने यदि और किसी के साथ काम किया तो मेरा “दिल टूट जायेगा – रणवीर सिंह

फ़िल्मी इंटरव्यू
INTERVIEW!! संजय लीला ने यदि और किसी के साथ काम किया तो मेरा “दिल टूट जायेगा – रणवीर सिंह

लिपिका वर्मा
बॉक्स ऑफिस पर ‘बाजीराव मस्तानी’ अपना झंडा तो गाड़ ही चुकी है। फिल्म की सफलता पर रणवीर सिंह ने मीडिया से वार्तालाप के दौरान अपनी माताजी, गुरु और संजय लीला भंसाली के बारे में कुछ बताया हमें-
आप अपनी कई सारी फिल्मों में मर जाते हैं। दीपिका के साथ ऐसी कौन सी फिल्म होगी जिसमें आप दोनों नहीं मरोगे ?
जी हाँ चाहे वह, “लूटेरा” हो, ‘गुंडे’ हो और फिल्म, ‘बाजीराव मस्तानी’ हो लगभग सब फिल्मों में मैं मर जाता हूँ। इस बात से मेरी माताजी को भी बहुत दुःख होता है। दरअसल मुझे इस बात का एहसास था कि ‘बाजीराव मस्तानी’ के क्लाइमेक्स सीन को देख कर मेरी माँ काफी भावुक हो जाएंगी, सो मैं नहीं चाहता था कि वह यह फिल्म अभी देखें किन्तु उनकी ज़िद पर कुछ परिवार और फ्रैंड्स के साथ मुझे उनको भेजना पड़ा फिल्म देखने। फिल्म के क्लाईमैक्स सीन के बाद उन्होंने मुझे कम से कम आधे घंटे तक छाती से लगा कर रखा और बहुत ही मायूस हो गयी थी। खैर फिर अपनी माताजी को मैंने ढ़ेर सारी पपिया -झपियां दी और समझा बुझा कर सांत्वना दी। वह मुझे मरता देख हर बारी बहुत दुखी हो जाती हैं। चलिए शायद कोई तो फिल्म होगी जिसमें मैं मरूंगा नहीं ?
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क्लाईमैक्स सीन के लिए क्या तैयारी की थी आपने ?
दरअसल क्लाईमैक्स सीन के बारे में सोच सोच कर मुझे बहुत बेचैनी हो रही थी हर बारी जब मुझे सीन के बारे में जहन में आता तो बस यही सोचता था कि कैसे यह कठिन सीन कर पाऊंगा ? किन्तु मेरे गुरु शंकर वेंकटेश्वरन की सहायता से मेरी रातों की नींद जो हराम हो गयी थी उनकी गुरुदक्षिणा यानि किस तरह यह सीन करूँ उन्होंने मुझे कुछ टिप्स दिए इस से मुझे बहुत राहत मिली। मेरे गुरु एक फ़क़ीर की तरह हैं पुरे देश में घूमते – फिरते हुए एक्टिंग सिखाते हैं सबको। जब मैं इनके एक्टिंग स्कूल में पढ़ रहा था तब गुलशन और ऋचा चड्ढा भी मेरे साथ पढ़ा करते। मेरे गुरु शंकर ने मुंबई आ कर मुझे टिप्स दिए यह मेरे लिए गर्व की बात है। मुझे इस बात की ख़ुशी है कि इतनी कम उम्र में मुझे बाजीराव जैसा किरदार करने को मिला। बस अब यही विचार है कि मुझे अच्छे किरदार करने को मिलें।
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आदित्य चोपड़ा के साथ फिल्म कर रहे हैं क्या कहना चाहेंगे?
बहुत खुश हूँ, यह सोच कर कि आदि मुझे डायरेक्ट करने वाले हैं। जिन्होंने शाहरुख़ खान को डायरेक्ट किया है अब मैं उनके निर्देशन में काम करूंगा।
इससे ज्यादा ख़ुशी की बात और क्या है मेरे लिए।
आगे भी संजय लीला के साथ काम करना चाहेंगे क्या आप?
बिल्कुल….यदि और किसी के साथ उन्होंने काम किया तो मेरा “दिल टूट जायेगा!!

Wednesday, 30 December 2015

INTERVIEW!! ‘पीपल्स च्वॉइस अवॉर्ड’ के लिए मनोनीत होना गर्व की बात है – प्रियंका चोपड़ा/lipika varma/mayapuri 31.12.2105

INTERVIEW!! ‘पीपल्स च्वॉइस अवॉर्ड’ के लिए मनोनीत होना गर्व की बात है – प्रियंका चोपड़ा

फ़िल्मी इंटरव्यू
INTERVIEW!! ‘पीपल्स च्वॉइस अवॉर्ड’ के लिए मनोनीत होना गर्व की बात है – प्रियंका चोपड़ा

प्रियंका चोपड़ा ‘बाजीराव मस्तानी’ और ‘क्वांटिको’ की सफलता को लेकर खासी उत्साहित हैं। तीन वर्षों से काम में उलझी रही प्रियंका अब केवल पांच दिनों की छुट्टी अपने ख़ास दोस्तों के साथ नव वर्ष के उपलक्ष में मनाने जा रही हैं। देश का नाम विदेश में उँचा करने हेतु हम देशवासियों को गर्व का एहसास करवाती है यह अभिनेत्री। प्रियंका ‘पीपल्स च्वॉइस अवॉर्ड’ के लिए मनोनीत हुई हैं यह उनके लिए और हमारे देश के लिए एक बहुत अच्छी बात है।
लिपिका वर्मा के साथ एक ख़ास भेंटवार्ता में प्रियंका ने ढ़ेर सारी बातें की –
पीपल्स च्वॉइस अवॉर्ड के लिए मनोनीत हुई हैं, हमारे भारत देश को गौरवान्वित किया है आपने क्या कहना चाहेंगी ?
देखिये वहाँ बहुत ही बड़े बड़े अभिनेता और स्टार्स आने वाले हैं। पता नहीं है कि मुझे कोई अवॉर्ड मिलेगा या नहीं। किन्तु हाँ- इस अवॉर्ड के लिए मनोनीत होना मेरे लिए बहुत ही बड़ी बात है। मुझे जनवरी में इस अवॉर्ड सेरेमनी में उपस्थित होना है। किन्तु तीन वर्षों बाद मुझे केवल पांच दिनों की छुट्टी लेने का अवसर मिला है सो मुझे ख़ुशी है कि मैं अपने दोस्तों और परिवार के साथ कुछ अनमोल समय बिता पाऊँगी।
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काशी का एक बहुत ही अहम किरदार था। क्या औरत का गहना त्याग होता है। आप के साथ रियल में ऐसा होता तो आप क्या करतीं ?
जी हाँ जैसा कि फिल्म देखने के बाद आपको यह मालूम हुआ की काशी पर क्या गुजरा। यह एक अहम मुद्दा लिया संजय सर ने दरअसल बाजीराव और मस्तानी की कहानी के बारे में इतिहास में जानकारी है, किन्तु काशीबाई की दशा ऐतिहासिक पन्नों में नहीं पायी जाती है। मुझे ख़ुशी है कि संजय सर और लेखक प्रकाश ने मुझे इस किरदार के लिए चुना। जब मैं फिल्म, ‘मैरी -कॉम’ की शूटिंग मनाली में कर रही थी तब वह दोनों मुझे स्क्रिप्ट सुनाने आये थे। संजय सर ने यह भी कहा था कि जब तक काशी का किरदार तय नहीं होता मैं बाजीराव और मस्तानी का चयन नहीं कर सकता हूँ।
कुछ सोच कर प्रियंका ने हँसते हुए कहा, ” मैंने एक बेहतरीन किरदार निभाया है औरत का गहना मेरे हिसाब से उसका गुरुर होता है। ठीक है यदि बाजीराव दीपिका से मोहब्बत कर बैठे तो मैंने उनको इसकी इजाजत तो दी, किन्तु उन्हें अपने कमरे में आने की इजाजत नहीं दी। सो मैं यही कहना चाहूंगी यदि कोई मर्द ऐसा करता है तो हमें भी आज के हिसाब से ही उसे जवाब देना होगा। मेरे साथ यदि रियल में मेरा पति ऐसा करे तो मैं सीधे सीधे उसे -टाटा। ..बाये – बाये कह दूंगी !!
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आपको सबसे बेहतरीन प्रशंसा किससे मिली ?
अरे भाई ! बॉलीवुड से जिन्हें मैं जानती भी नहीं हूँ उन्होंने मुझे प्रशंसात्मक लाइनें लिख कर भेजी हैं और इस से ज्यादा मैं क्या अपेक्षा कर सकती हूँ। मेरे शो, ” क्वांटिको” के सह-अभिनेताओं ने मेरी फिल्म को पसंद किया और बहुत खुश है वह मेरे काम से। मुझे बहुत मजा आता है जब वहां के लोगों को में अपनी हिंदी फिल्मों के नाच और गाने के बारे में व्याख्यान देती हूँ। अब उन्हें यह जानकारी मिली है मुझसे कि गाने और नांच भी हमारी फिल्म और संस्कृति का एक अहम हिस्सा होते हैं। हम यूं ही नहीं इन्हें कहानी में दिखलाते हैं। सो इस जानकारी ने हिंदी फिल्मों के प्रति उनका कुछ और रुझान बढ़ा दिया है।
आपके उम्दा अभिनय की सबने तारीफ की है क्या कहना चाहेंगी आप ?
देखिये हम अभिनेता लोग अपना अपना काम अच्छी तरह से करने की कोशिश करते हैं और मेरा तो खुद से ही कम्पीटीशन होता है। मैं हर बारी अपने ही मील के पत्थर तय करती हुई आगे बढ़ती हूँ। पर आपको यह बता दूँ दीपिका की बेहतरीन परफॉर्मेंस की वजह से ही प्रियंका भी अपना बेस्ट दे पायी और बाजीराव (रणवीर) की उम्दा अभिनय क्षमता ने हम दोनों को अच्छा अभिनय करने के लिए प्रेरित किया है। एक फिल्म जब बनती है तो उसके सारे किरदार अहम होते हैं और यदि कोई भी कुछ कम हो जाये तो फिल्म का मजा चला जाता है। सो मैं यही कहना चाहूँगी कि दीपिका रणवीर की बेहतरीन परफॉर्मेंस की वजह से ही मैं भी बेहतरीन काम कर पायी।
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जात – पात के नाम पर जो कुछ दिखाया है फिल्म, “बाजीराव मस्तानी” में उस पर टिप्पणी करें ?
देखिये, उस समय लगभग 17 वीं सदी के समय में भी संजय सर ने जात – पात के मुद्दे को बहुत ही पॉजिटिव रूप में दर्शाया है। आज भी लोग जात- पात के नाम पर युद्ध कर रहे हैं। क्या हो गया है हमारी मानव जाति को। सारे देश में फिर चाहे वह – सीरिया हो इराक हो जर्मन हो अमेरिका हो सब के सब जात के नाम पर लड़ने मरने को उतावले हो गए हैं। संजय सर ने यही दिखाने की कोशिश की है फिल्म “बाजीराव मस्तानी” में की जात से ऊपर मानवता धर्म है। फिल्म में शमशेर बहादुर को में मराठा योद्धा बनाती हूँ। बाजीराव ने भी मस्तानी और अपने बेटे को उसकी माँ का नाम देने को कहा था।
हॉलीवुड फिल्में कर रही हैं क्या आप ? और क्वांटिको शो भी आगे करने वाली हैं क्या ?
देखिये, जहाँ तक “क्वांटिको” का जिक्र है वह शो बहुत ही अच्छा चल रहा है। केवल तीन एपिसोड्स के बाद इसे अच्छी मान्यता मिल गयी थी। यह शो अब 13 एपिसोड्स का हो चला है। और शायद दूसरा सेशन भी हो, क्वांटिको पार्ट 2″। जहां तक हॉलीवुड फिल्मों का सवाल है यदि मेरे हिसाब से किरदार मिलेगा तो ही मैं उसका हिस्सा बनना चाहूंगी। जो स्टेटस मेरा बॉलीवुड में है उसी स्टेटस के हॉलीवुड में काम मिले तो जरूर करुँगी।
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और क्या कुछ करने का इरादा है ?
मैं बहुत ही ग्रीडी एक्टर हूँ, फिलहाल काफी स्क्रिप्ट्स आई हैं मेरे पास। सोचती हूँ सब की सब कर लूँ। किन्तु समय नहीं है मेरे पास। बस कुछ तीन फिल्में ही कर पाऊँगी 2016 में। अपने प्रोडक्शन तले कुछ रीजनल फिल्में करना चाहती हूँ वह सिर्फ मराठी ही नहीं होगी किन्तु और कुछ रीजनल भाषाओं की फ़िल्में भी प्रोड्यूस करूंगी मैं।

Hyderabai's are very generous" Aditi/31.12.2015/lipika varma


I relate to Jassi: Sonali Nikam Dec 19, 2015 - Lipika Varma Email this page Printer-friendly version

I relate to Jassi: Sonali Nikam

Sonali Nikam with co-star Rohit Bharadwaj in Aadhe Adhoore.
Sonali Nikam with co-star Rohit Bharadwaj in Aadhe Adhoore.
Sonali Nikam talks about her role in the new show, Aadhe Adhoore, about a confident, young woman who falls in love with her brother-in-law
Sonali Nikam is excited about playing Jassi, the lead in the new show Aadhe Adhoore on Zindagi.
In the show, her character falls in love with her brother-in-law after the husband goes away for work in the Gulf. It’s also about how she fights social stigma to be with the man she loves.
“I am a Maharashtrian girl, born and brought up in Mumbai. My father is a cop. I had a lot of problems initially getting into showbiz as my parents were dead set against me joining the profession… But, somehow, I convinced my father to give me six-seven months to pursue my interest and basically told him that if I wasn’t successful I would do whatever he wanted me to do.”
Talking about the show, she reveals: “I opted for the show because of its unconventional concept. But it’s also very real. Anyone can fall for anyone even after marriage. The situation created in the storyline is very intriguing… It’s not the typical bhabhi kind of a role. What happens to her when her husband disappears, the situations she faces and how she handles them is what its all about.
“Jassi loves her family and yet she does not deny herself her desires which have arisen due to the situation. Normally, each one of us do get into such situations, but belonging to an orthodox society, people usually try to hide these feelings but in the show, it is being showcased very clearly. Each has their own perceptions about such relationships, whether to keep it under wraps or reveal it.”
About her character, Sonali says, “Jassi knows how to handle situations. She is the perfect bhabhi, perfect sister, and tries to maintain that perfection in everything. She smartly balances both situations well. And she follows her heart and mind as well according to the situations.”
So, does she identify herself with Jassi? “Like Jassi, I too am a very confident girl. If anything wrong is happening I will surely take a stand. It is because of me being determined like Jassi that I was able to pursue my acting career. In spite of my parents not supporting me I have made it here. I am also very emotional like Jassi and would always love to follow my heart always.”
The feedback for the show has been quite good.
“Everyone, from grown-ups to the youth, have liked the show. TV viewers are very smart these days. They know that the show is about something which is very real. I have been getting a great response from everyone.”
The director of this show had also directed Hasratein which was a huge hit. It dealt with a woman who leaves her husband for another man...but in the end her husband meets with an accident and his first wife and family take him back. “Well, I do not know whether Aadhe Adhoore will also have a happy ending or not. And I have not watched Hasratein fully. But I am happy to be working with director Ajay Sinha.”

Tuesday, 29 December 2015

INTERVIEW!! “मैंने अपनी पूरी की पूरी, ‘भड़ास’ निकाल ली है” – फरहान अख्तर/lipika varma

INTERVIEW!! “मैंने अपनी पूरी की पूरी, ‘भड़ास’ निकाल ली है” – फरहान अख्तर

ताजा खबरफ़िल्मी इंटरव्यू
INTERVIEW!! “मैंने अपनी पूरी की पूरी, ‘भड़ास’ निकाल ली है” – फरहान अख्तर

फरहान अख्तर को गुणसूत्र विरासत में मिले हैं क्योंकि इनकी 6 पीढ़ी लेखनी से जुडी हुई थी और जाहिर सी बात है कि कलम की ताकत – ज़ोया फरहान में तो एक अच्छी खासी मायने रखती है, किन्तु इनकी बेटी जो केवल 15 वर्ष की ही हैं वह भी कलम से उतना ही प्रेम रखती हैं।
फरहान अख्तर ने लिपिका वर्मा से दिल खोल कर बातचीत की
पहली बारी आउट एंड आउट एक्शन फिल्म कर रहे हैं क्या कहना है ?
मुझे एक्शन सीन्स करने में बहुत ही मजा आया। दरअसल में सारे के सारे एक्शन सीन्स कोरियोग्राफ किये जाते हैं सो हम उसे इतनी बारी रिहर्सल कर लेते हैं कि कही पर भी किसी को कोई चोट नहीं लगती है। फिल्म, ‘वज़ीर’ में ढेर सारा रोमांच है। मुझे पहली बारी खुल कर पिटने का मौका मिल रहा है, सो एक्शन सीन्स करने में इसलिए भी बहुत मजा आया क्योंकि हर बारी मुझे सब पीटते थे किन्तु इस बारी मुझे सबको मारने का मौका मिल रहा है सो जाहिर सी बात है मैंने बहुत एन्जॉय किये है यह रोमांचक मौके। सही मायने में मैंने अपनी पूरी की पूरी, ‘भड़ास’ निकाल ली है इस फिल्म में सब को पीट -पीट कर हंस कर बोले फरहान।
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आप एक अच्छे लेखक, निर्देशक, गायक और एक बेहतरीन अभिनेता भी हैं -अपनी जीन-गुणसूत्रों का कमाल मानते हैं इसे ?
‘जीन-गुणसूत्रों’ का कमाल तो है ही, सबके के अंदर वह होते हैं। किन्तु मेरा यह मानना है कि जिस माहौल में हम बड़े होते हैं उस माहौल का भी अच्छा ख़ासा असर तो होता ही है। फिल्म इंडस्ट्री का मैं बचपन से ही हिस्सा रहा हूँ। मेरे माता-पिता जिन्होंने मुझे और ज़ोया को हमेशा से ही सपोर्ट किया है। जो कुछ भी हम करना चाहते थे उसे करने के लिए उनका साथ मिलना हमारे लिए एक बड़ी बात है। लेखनी तो हमारी 6 पुश्तों से चली आ रही है। लेखनी का जादू मेरे पिताजी से मुझे और ज़ोया को विरासत में मिला है, इसमें कोई दो राय नहीं है। किन्तु वह सारे लोग जिन्होंने मुझे प्रेरित किया है मैं उन्हें भी इस बात का क्रेडिट देना चाहूंगा कि उनकी चुनौतियों की वजह से हम आज यहाँ तक पहुँच पाये हैं। इस कथन को नकारात्मक ना लें। दरअसल में फिल्मों को करना मेरे लिए एक अच्छी सी फीलिंग उत्पन्न किया करता और मैं धीरे धीरे अपनी यात्रा को आगे बढ़ता चला गया और भी आगे चलने की चाह है मुझ में अभी।
आप ने अपनी रचनात्मक ताक़त को कब पहचान दी ?
मैंने अपनी रचनात्मक ताक़त बहुत ही छोटी सी उम्र में पहचान ली थी शायद मैं तब 14 या 15 वर्ष का था। मैं तब स्कूल में ही पढ़ता था। दृश्य प्रभाव का असर मुझ पर बहुत पहले से ही पड़ चूका था। फिर मैंने फ़ोटोज खींचनी शुरू की और इसके लिए बाबा आज़मी ने मेरी बहुत मदद भी की। लेकिन क्योंकि यह एक बहुत ही महंगा काम था और उस समय मुझे पैसों की जरूरत भी थी सो मैंने फिल्मों में सहायक निर्देशक की भूमिका निभाने की सोची।
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सही मायने में आप ने स्वतंत्र निर्देशक की भूमिका किस उम्र में निभायी थी ?
जब हमने फिल्म, “दिल चाहता” का बीज डाला था तब मैं केवल 24 वर्ष का ही था किन्तु जब मैंने, ‘दिल चाहता’ का निर्देशन किया तो मैं २६ वर्ष का हो चुका था। निर्देशक बिजॉय नाम्बियार मेरे दोस्त हैं किन्तु हम एक साथ अब काम कर रहे हैं फिल्म,”वज़ीर” में। मैंने उनकी फिल्म, “शैतान” भी काफी पसंद की थी। बिजॉय के निर्देशन में बहुत मैजिक (जादू) है यह आपको फिल्म, “वज़ीर” में देखने मिलेगा क्यूंकि फिल्म में रोमांच, ड्रामा और सब सही मात्रा में परोसा गया है।
अमिताभ बच्चन के साथ काम किया, उनकी आभा से तो जरूर प्रभावित हुए होंगे आप ?
यह कहना बहुत मुश्किल होगा कि मैं अमित जी से प्रभावित नहीं हुआ। जिसे हम देख कर बड़े हुए हैं उनके सामने काम करना हमारे लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है पर सच कहूँ तो उनके साथ उनके घर में जो हमने साथ बैठ कर रिहर्सल किया तब हम काफी क्लोज हो गए थे। किन्तु जब पहली बारी सेट्स पर शूट करने पहुंचे तो यह सोच कर मैं स्तब्ध था कि हमारी यह फिल्म, “वज़ीर” जब भी परदे पर दिखलायी जायेगी मैं भी अमित जी के साथ तब तब नजर आनेवला हूँ। यह मेरे लिए एक मान -सम्मान की बात है। कौन नहीं चाहेगा कि वह अमितजी के साथ एक साथ स्क्रीन स्पेस शेयर करे?
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आप कोई भी किरदार कैसे चुनते हैं ?
मैं हमेशा पहले स्क्रिप्ट देखता हूँ और उसकी कहानी के अहम मुद्दे के बारे में विचार विमर्श करता हूँ। यदि कहानी अच्छी होती है तो फिल्म को करता हूँ। मेरे हिसाब से कहानी बेहतरीन होना बहुत ही अनिवार्य है। उसके बाद ही मैं अपने चरित्र को चुनता हूँ। मुझे कहानी और अपने चरित्र चित्रण दोनों में एक सहज अपील नजर आती है।
आपने शतरंज खेला है क्या कभी?
आजकल समय के अभाव की वजह से हम शतरंज खेल नहीं पाते हैं। पर हाँ बचपन में शतरंज और कैरमबोर्ड खेलते थे हम। आजकल तो सब वीडियो गेम्स खेल कर ही बड़े हो रहे हैं। हाँ! पर कंप्यूटर आने से एक और फायदा भी हुआ है, हम सब बहुत कुछ लिख पाते है जल्दी और तो और स्क्रिप्ट भी लिखी जाती है उस पर।

Saturday, 26 December 2015

Akhil needed a little bit of romance: Sayesha Saigal Deccan Chronicle | Lipika Varma | December 26, 2015, 23.08 pm IST/lipika varma

Akhil needed a little bit of romance: Sayesha Saigal

Deccan Chronicle | Lipika Varma | December 26, 2015, 23.08 pm IST
Sayesha Saigal
Sayesha Saigal
Sayesha Saigal, the grand-niece of yesteryear actress Saira Banu, is excited about her debut in Bollywood with actor-director Ajay Devgn in his forthcoming film Shivay. Sayesha who made her Tollywood debut with Akhil, says the  film could have been much better. 
 
“I think there should have been a few more emotional and meaningful sequences between the couple. The couple looked beautiful but they hardly had any romantic sequences. The boy does not even say, ‘I love you’ to the girl. Also, the content needed to be a little more meaningful I suppose. A little focus on the couple could have brought in more youngsters to the theatres. In the absence of romance the chemistry between the couple was missing too.”
 
And even now, post her debut, Sayesha is having a great run. “I am impatiently waiting for Shivay. I am so happy that Ajay Devgn offered me his debut film as director. It is a matter of pride for me. I auditioned for the film and passed with flying colours. We have finished two schedules. Our first schedule was completed in Mussoorie and our second schedule will get done at in Hyderabad. I will be flying back to Mumbai to attend Salman Khan’s 50th birthday party. Salman personally invited me.” Talking about Salman, she says she was 16 when she first met him. “He had told me, ‘You will become an actor… you seem to have all the potential of being a good performer’. At that point I thought that he may have told me so only because of my height… I was very tall for my age. But today when I look back and ponder about those words I feel that he was so right,” she says.
 
“Working in films is very important for me, whether Bollywood or Tollywood. I want to be part of good films.” Sayesha adds, “I have no problem talking in Telugu. I have learnt to converse in the language and I love it. For my shoot in Hyderabad, my entire team is from the city, this has helped me speak Telugu more efficiently. In fact, I dream of working with Mahesh Babu and Rajamouli garu,” she adds.
 
And even though she’s doing great for herself, she does believe that she has a long way to go. “I have to work very hard and I have a lot more to achieve. I am trying to give in my hundred per cent for Shivay. Being directed by Ajay as well acting opposite him, I have learnt that Ajay is an actor’s director. He is very clear as to what he wants from his actors. The script is new, it is not a remake of a Tollywood film as some people have been saying.” About her future films she says, “I have three B’wood films. But my next film is a Tollywood one. I am open to both Tollywood and Bollywood films.”

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Tuesday, 22 December 2015

I wish I could multitask like Priyanka and Deepika: Ranveer Singh Dec 16, 2015 - Lipika Varma Email this page Printer-friendly version

I wish I could multitask like Priyanka and Deepika: Ranveer Singh

Ranveer Singh
Ranveer Singh
The actor talks about Bajirao Mastani, his aim of becoming a complete entertainer, and his love for his moustache
Ranveer Singh as Bajirao and Deepika Padukone as Mastani…we can’t wait till Friday for Bajirao Mastani to release. And Ranveer is in awe of his two leading ladies, Deepika and Priyanka Chopra, who plays Kashibai, Bajirao wife.
“What I want to learn from them is how to multitask,” he says, adding, “They are both doing various projects, Priyanka is into singing, her Hollywood serial and then she comes back and shoots for Bajirao Mastani. It’s the same with Deepika. They are busy shooting and then they are doing their endorsements and they come back and become their characters Kashibai and Mastani. I can’t do that. I am into the character completely and take time to come out of it. I wish I could multitask like Priyanka and Deepika.”
Ranveer adds he doesn’t have any Hollywood dreams. “I am happy doing my Hindi films. I wanted to be a mainstream Hindi film hero and I am happy. This is my eighth movie. Right now, I don’t feel the need to do any Hollywood films.” Ranveer and Deepika came close while shooting Ram Leela, Sanjay Leela Bhansali’s previous film. “We became incredible friends during Ram Leela and I am happy that our efforts showed in the film.”
His personal philosophy in life is very simple. “Everybody should follow their heart. It’s like Woody Allen’s film Whatever Works, based on the philosophy Larry David. That’s what you should do in life. It’s not right to judge what is wrong or right.”
“My aim is to be an entertainer like Woody Allen, Clint Eastwood, Charlie Chaplin, Raj Kapoor and Guru Dutt, they are my heroes,” he says, adding, “The whole creative vision is in their films. They wrote, produced, directed, acted and even wrote music. That’s what I want to graduate into at some point. I don’t think I will be able to do it now. But I will do it.”
About his forthcoming film Befikre, he adds, “Befikre is a light breezy romance, beyond that I don’t know anything but am looking forward to working with Aditya Chopra. We will start shooting when my hair grows back. Before that I will take a vacation to get my clarity back. For now I want to meditate and become more flexible, strengthen my core and start riding motorcycles again. My mom had forbidden me to ride bikes. But now I am 30, I think I can ride them again.” Ranveer tells us he loves his moustache that he grew for Bajirao… “I don’t know the look Adi Sir has in mind in Befikre for me. I had planned to shave the moustache but I chickened out at the last minute. I still love my moustache,” he says with a smil

Thursday, 17 December 2015

“मैं बहुत एकांत प्रिय हूँ, शर्मीला भी बहुत हूँ और ज्यादा सोशल भी नहीं हूँ” – शाहरुख़/lipika varma

INTERVIEW!! “मैं बहुत एकांत प्रिय हूँ, शर्मीला भी बहुत हूँ और ज्यादा सोशल भी नहीं हूँ” – शाहरुख़

फ़िल्मी इंटरव्यू
INTERVIEW!! “मैं बहुत एकांत प्रिय हूँ, शर्मीला भी बहुत हूँ और ज्यादा सोशल भी नहीं हूँ” – शाहरुख़

लिपिका वर्मा
शाहरुख़ खान और काजोल की जोड़ी एक बार फिर से बड़े परदे पर एक अरसे बाद धूम मचाने आ रही है। फिल्म, “दिलवाले” एक इंटेंस लव स्टोरी है। इसमें देखना यह होगा कि काजोल और शाहरुख़ के रोमांसिंग स्टाइल में क्या फर्क नजर आने वला है ??
पेश है लिपिका वर्मा के साथ शाहरुख़ की एक ख़ास गुफ्तुगू –
किंग खान, बादशाह खान और कई ढेर सारे टाइटल्स। ..कौन सा आपका पसंदीदा टाइटल है ?
जी हाँ -इतने साल काम करने के बाद आप कुछ अच्छे काम कर लेते हैं और कुछ बुरे। .इतने टाइटल्स मिले हैं और प्रसिद्धि भी उतनी ही मिली है किन्तु इन सब चीज़ों की एक आदत सी हो जाती है और फिर यह हमारे लिए सब काम की तरह ही है अपने जीवन निर्वाह के लिए काम करना पड़ता है हमारे पास कोई और विकल्प नहीं होता है। इन 25 सालों में जो मुझे सब से अच्छा लगता है वह मेरे काम के प्रति जो वाह वाही मिलती है उससे जो ख़ुशी मिलती है बस वही मेरे लिए बहुत मायने रखती है। आज मेरे पास सब कुछ है पर मैं क्या इस्तेमाल कर पाता हूँ यह सबसे बड़ा प्रश्न चिह्न है। मैं हर चीज का आनंद नहीं ले पाता हूँ। बस काम करता हूँ यही मेरे लिए बहुत ख़ुशी की बात है।
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क्या इतनी ऊंचाई पर जाकर आप बहुत अकेले नहीं हो गए है ?
मैं बहुत एकांत प्रिय हूँ, शर्मीला भी बहुत हूँ और ज्यादा सोशल भी नहीं हूँ। चुप्पी मुझे ज्यादा पसंद होती है। घर पर भी कुछ चुप चाप ही रहना और अपने ख्यालों में ही रहना पसंद करता हूँ। मेरा परिवार मुझे खूब अच्छे से जानता है। सुबह ९ बजे उठ कर शूट पर चले जाया करता हूँ। काजोल को भी मैं ५ सालों बाद ही मिला हूँ। एक समय में हम सब अकेले ही हो जाते है। दोस्त बनाने के लिए वक़्त नहीं होता है। मुझे ज्यादा फ़ोन पर बात -चीत करने की आदत भी नहीं है। कभी कभार अपने बच्चों से बात कर लेता हूँ। किन्तु जब अपने काम काजी मित्रों से मिलता हूँ तो अच्छा लगता है। मैं अक्सर खाना भी अकेले ही खाना पसंद करता हूँ। बस यही ज़िन्दगी है जो मुझे कबूल है।
आपने अपनी पहली डेट में क्या किया था?
उस ज़माने में हम डेट्स पर नहीं जाया करते बस कभी फिल्म देख लिया करते।
आपके लिए रोमांस क्या मायने रखता है ?
मुझे एक बात बताइए कौन सा मर्द अपनी गर्ल फ्रेंड के दुपट्टे को लेकर उसके लिए गाना गाता है। प्रेम कथा बड़े परदे पर ही अच्छी लगती है, यह सब आप अपनी रियल लाइफ में कतई नहीं करते है। हर किसी की लव स्टोरी अलग होती है। हंस के शाहरुख़ बोले लेकिन मैं दुपट्टा बहुत ही बेहतरीन तौर से इस्तेमाल करता हूँ!!
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आप की एक बहुत बड़ी फैन फोलोइंग है, आपको बहुत सतर्क रहना होता है क्या कहना चाहेंगे ?
बिलकुल, मैं बहुत ही सतर्क रहता हूँ। यही कोशिश करता हूँ कि कभी भी किसी को दुःख ना पहुंचाऊ। जो लोग मुझे अच्छी तरह समझते हैं वह मुझे कभी गलत नहीं समझते। मैं कभी भी एंटी नेशनल कोट्स नहीं दे सकता जिन्हे मेरे कोट्स तोड़ -मरोड़ के पेश करने है तो वो लोग वैसा ही करेंगे। यह सब उनकी दिमागी प्रवृत्ति का फेर है।
खासतौर पर एक पाकिस्तानी अभिनेत्री को ही क्यों चुना आपने फिल्म “रईस” के लिए ?
क्यूंकि “रईस” एक मुस्लिम फिल्म है और वह क्यूंकि मुस्लिम किरदार है तो एक मुस्लिम पत्नी ही दिखलानी थी सो माहिरा को चुना। करीना के साथ मैं फिल्म कर चूका हूँ तो उसे लेना ठीक नहीं लगा और इस फिल्म में मैं एक फैन का रोल प्ले कर रहा हूँ और एक नयी लड़की लेनी था सो माहिरा को लिया और उसका लहजा भी इस किरदार को सूट करता है।
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‘दिलवाले’ के बाद आपकी आगामी फिल्में कौन सी है ?
मेरी आगामी एक फिल्म निर्देशक गौरी शिंदे के साथ है और एक फिल्म आनंद राय एवं निर्देशक इम्तियाज़ अली के साथ भी कर रहा हूँ समय आने पर इन फिल्मों की चर्चा भी हम करेंगे।

Tuesday, 15 December 2015

“मैंने एक माँ बनकर ज़िंदगी बहुत एन्जॉय की है” – काजोल/lipika varma

INTERVIEW!! “मैंने एक माँ बनकर ज़िंदगी बहुत एन्जॉय की है” – काजोल

फ़िल्मी इंटरव्यू
INTERVIEW!! “मैंने एक माँ बनकर ज़िंदगी बहुत एन्जॉय की है” – काजोल

लिपिका वर्मा
शाहरुख खान और काजोल की जोड़ी फिल्म, ” दिलवाले” से बड़े पर्दे पर अपना जादू बिखेरने काफी सालों बाद वापसी कर रही है। अब देखना यह होगा कि फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएँगे’ की टककर में यह फिल्म अपना कितना जादू बिखेरने में क़ामयाब होती है ?
काजोल का एनर्जी मंत्र क्या है ?
बहुत ही सिंपल है मेरा एनर्जी मन्त्र मैं हमेशा फ्रेश फील करती हूँ। ज़िन्दगी के प्रति मेरा रवैया बहुत ही सिंपल है। कोई मेरे बारे में कुछ भी बोले मुझे फर्क नहीं पड़ता है। मैं किसी की कही हुई बात को तवज्जो नहीं देती हूँ। मैं दरअसल सब चीज़ को सरलता से लेती हूँ और इसलिए मैं हमेशा फ्रेश फील करती हूँ।
आज एक अभिनेत्री को अपने फैशन का भी ध्यान रखना पड़ता है। क्या कहना चाहेंगी ?
मुझे अच्छी तरह से तैयार होना पसंद नहीं है। मैं बहुत आलसी हूँ। किन्तु आज के ज़माने को देखते हुए हमे अभिनेत्री होने हेतु अच्छी तरह से तैयार होकर ही घर से निकलना पड़ता है। पहले तो मैं यूं ही निकल जाया करती किन्तु अब मेरा एक फैशन डिज़ाइनर भी है जो मेरे कपडे डिजाईन करते है और ढंग से ही बाहर निकलती हूँ। फिर भी कभी कभी यूं ही निकल जाती हूँ।
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कुछ सोच कर काजोल बोली, ” अभी कुछ ही दिनों की बात है हाल ही में मुझे हैदराबाद ‘दिलवाले’ फिल्म की शूटिंग के लिए सुबह 6 बजे की फ्लाइट लेनी थी, अब इतनी सुबह कौन मिलेगा यह सोचकर मैंने रट -फट्टी सी जीन्स पहन ली और जब एयर पोर्ट पर पहुंची तो एक फोटोग्राफर को देख कर मुझे बहुत गुस्सा आया। किन्तु वह भी बेचारा अपना काम ही तो कर रहा था,  फोटो तो उसने ले ही ली। पर मैं मन ही मन यह सोच रही थी कि इस की फोटो आउट फोकस हो जाये।” हंस कर बोली काजोल।
आपकी तुलना आपकी नानी,मौसी और माँ तनूजा से भी होती रही है क्या कहना चाहेंगी ?
मेरी पहली फिल्म से ही लोगों ने मेरी नानी,  माँ से तुलना शुरू कर दी थी। उनकी फिल्मों एवं उनके बेहतरीन काम पर गर्व महसूस होता है। मेरे मुताबिक आपका हार्डवर्क ही आप के काम की तारीफ दिलाता है। अपने परिवार के काम का श्रेय जिस तरह मैं नहीं ले सकती हूँ, उसी तरह  वह लोग भी मेरे हार्ड वर्क का क्रेडिट नहीं ले पाएंगे। जिस तरह मैं उनके काम से गर्व महसूस  करती हूँ उसी तरह वह लोग भी मेरे काम से गौरवान्वित महसूस करते हैं।
Kajol and Tanuja
Kajol and Tanuja
आप खुद ही एक बच्ची की तरह हो फिर भी एक अच्छी माँ कहलाती हो, एक अच्छी माँ कहलाना पसंद करती हो या एक अच्छी पत्नी ?
शुरू से ही मुझे बच्चे बहुत पसंद है। मुझे आज भी याद है जब मै 8 साल की थी तो मै माँ  बनना चाहती थी किन्तु मेरी माँ ने तब मुझे कहा तुम १२ साल की तो हो जाओ फिर माँ बन सकती हो, जब 12 साल की हुई तो कहा 18 साल में माँ बन सकोगी। पर 18 साल की मैं हुई तब मैंने खुद ही कहा अब शादी के बाद ही मैं माँ बनूंगी। मैं एक अच्छी माँ हूँ और यही मुझे कहलाना भी पसंद है
‘दिलवाले’ किस तरह की फिल्म है ?
‘दिलवाले’ एक बहुत ही अलग किस्म की लव स्टोरी है। इस में शाहरुख़ और मेरा इंटेंस रोमांस देखने को मिलेगा। इस तरह की लव स्टोरी मैं खुद पहली बार ही कर रही हूँ।
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